नई दिल्ली: इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) और जॉइंट फोरम, वसुंधरा एन्क्लेव, ने शाहदरा साउथ जोन के उप-आयुक्त एवं सहायक आयुक्त के मार्गदर्शन में आज वसुंधरा एन्क्लेव की 35 सोसाइटीज को जीरो वेस्ट बनाने की पहल की शुरुआत की। पहल का शुभारंभ वसुंधरा भवन में श्रीमती वंदना राव, उप आयुक्त, शाहदरा साउथ जोन; श्री रूबल सिंह, सहायक आयुक्त, शाहदरा साउथ जोन; श्रीमती मुनेश डेढ़ा, पार्षद, वसुंधरा एन्क्लेव; श्री जे पी शर्मा, अध्यक्ष, जॉइंट फोरम, वसुंधरा एन्क्लेव; श्री आशीष जैन, निदेशक, आईपीसीए एवं श्री अजय गर्ग, सचिव, आईपीसीए, की उपस्थिति में किया गया। इस पहल के अंतर्गत, आईपीसीए के द्वारा सोसाइटी में पैदा हो रहे गीले कूड़े को खाद बनाने के लिए एरोबिन कंपोस्टर्स लगाए गए है और साथ ही सोसाइटी से निकल रहे सूखे कूड़े के निपटारन के लिए भी योजना तैयार की गई है। उम्मीद है इस पहल से वसुंधरा एन्क्लेव विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का केंद्र बनकर उभरेगा।
वसुंधरा एन्क्लेव 44 हाउसिंग सोसायटियों में रहने वाले 5000 से अधिक परिवारों का क्षेत्र है और यहाँ विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का यह मॉडल आईपीसीए द्वारा चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इस अनूठे मॉडल के तहत, आईपीसीए प्रति 40 घरों में एक एरोबिन कंपोस्टर (क्षमता 400 L) स्थापित करेगा और इसमें 40-45 दिनों के लिए औसतन 15 किलोग्राम/दिन जैविक कचरा डाला जा सकता है। इस अवधि के बाद खाद तैयार हो जाएगी जिसका उपयोग सोसाइटी के निवासी कर सकते हैं। पहले चरण में 100 से अधिक एरोबिन कंपोस्टरों की स्थापना के साथ, लगभग 2 टीपीडी जैविक कचरे का स्रोत पर उपचार किया जाएगा। इसके साथ ही आईपीसीए सूखे कचरे को भी एकत्र करेगा और इसे अधिकृत रिसाइकलरों के माध्यम से पुनर्चक्रण के लिए भेजेगा। आईपीसीए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और एरोबिन कंपोस्टर्स के सही संचालन के प्रबंधन पर हाउसकीपिंग स्टाफ और अपशिष्ट श्रमिकों की क्षमता भी बढ़ाएगा और साथ ही सोसाइटी के निवासियों को स्रोत पृथक्करण पर जागरूक करेगा।