लोकतंत्र देश का संस्कार, संस्कृति और विरासत : मोदी

asiakhabar.com | June 30, 2019 | 5:02 pm IST
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नई दिल्ली, 30 जून (वेबवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र को देश के संस्कार, संस्कृति और विरासत का
हिस्सा बताया और आपातकाल का जिक्र करते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी। मोदी ने
अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आकाशवाणी पर प्रसारित पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में
जल संरक्षण के महत्व और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जब देश में
आपातकाल लगाया गया, तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं था। दिन-रात जब समय पर
खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है, इसका पता नहीं होता है, वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकार का
मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब देश में
आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक
सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था। जन-जन के दिल में एक आक्रोश था।’’
लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए, कानून नियमों
से परे, लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है। और आपातकाल में हमने
अनुभव किया था और इसीलिए देश, अपने लिए नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहूत कर चुका था।’’ उन्होंने कहा
कि 2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था। मोदी ने
कहा कि भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। यह संख्या हमें बहुत ही
सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से देखें और चीन को छोड़ दिया जाए तो भारत में विश्व के
किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है। लोकसभा चुनाव के संदर्भ में मोदी ने कहा कि आप
कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रकार के चुनाव संपन्न कराने में कितने बड़े स्तर पर संसाधनों की और मानवशक्ति
की आवश्यकता हुई होगी। लाखों कर्मियों की दिन-रात की मेहनत से चुनाव संपन्न हो सका। सैन्य कर्मियों ने भी
परिश्रम की पराकाष्ठा की। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के एक रिमोट इलाके में, महज एक महिला मतदाता
के लिए मतदान केंद्र बनाया गया। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को वहाँ
पहुंचने के लिए दो-दो दिन तक यात्रा करनी पड़ी – यही तो लोकतंत्र का सच्चा सम्मान है। मोदी ने कहा कि दुनिया
में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र भी भारत में ही है और यह मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के लाहौल-
स्फिति क्षेत्र में 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं चुनाव आयोग को, और चुनाव प्रक्रिया
से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूँ। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल
वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है।’’ मोदी ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘
मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल
संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।’’ उन्होंने कहा कि देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है। हमारे
देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से,
जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह करता हूँ। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 21 जून
को देश दुनिया में उल्लास के साथ योग दिवस मनाये जाने का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात
देश और समाज के लिए आईने की तरह है। ये हमें बताता हाँ कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मज़बूती, ताक़त
और टैलेंट की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच ‘मन की बात’ जन-जन की
बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं। चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी

लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था। हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन
के रूप में बातें करते थे।


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