लखनऊ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय संविधान
के अनुच्छेद 370 के राजनीतिक इतिहास को अपने अंडर ग्रेजुएट (यूजी) सिलेबस में शामिल करने पर
विचार कर रहा है। अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता है।
नए सिलेबस को फैकल्टी बोर्ड और बोर्ड ऑफ स्टडीज की अनुमति मिल गई है। पूरी उम्मीद है कि
इसे अगले शैक्षिक सत्र से पढ़ाना शुरू कर दिया जाए। पहले अनुच्छेद 370 को संक्षेप में पढ़ाया जाता
था लेकिन अब बीए(ऑनर्स) में इस पर पूरा अध्याय होगा। अगले महीने होने वाली शैक्षिक और
कार्यकारी परिषद की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद ऐसा करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
पॉलिटिकल साइंस विभाग के एक शिक्षक का कहना था कि चूंकि आजकल यह बहस का मुद्दा बन चुका
है इसलिए अनुच्छेद 370 को सिलेबस में शामिल किया जा रहा है। इस शिक्षक का कहना था, 'आजकल
जम्मू-कश्मीर पर बहुत राजनीति हो रही है। छात्रों को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए कि हो क्या
रहा है।' हालांकि उक्त शिक्षक ने जोर दिया कि सिलेबस में इस बात पर चर्चा नहीं होगी कि संविधान
के इस अनुच्छेद को बनाए रखा जाए या कि समाप्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा, 'स्टूडेंट्स को
केवल इसके इतिहास और इसके प्रभावों की जानकारी दी जाएगी।'
लखनऊ यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस के प्रमुख शशि शुक्ला कहना था कि अनुच्छेद 370 राजनीति
के साथ-साथ भारत के संविधान के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि पहले हम
इसके बारे में नहीं पढ़ाते थे, लेकिन अब हम इस पर अलग से एक अध्याय जोड़ रहे हैं। यह अध्याय
दूसरे पहलुओं के अलावा पूरी तरह से इसके संवैधानिक दर्जे को समर्पित होगा।'