बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली के ग्रामीण क्षेत्र में कॉपी लेने दुकान पर जा रही 10 साल की
बच्ची को तेंदुआ उठाकर ले गया। पुलिस और ग्रामीणों को तेंदुए के पग चिन्ह और खून के धब्बे मिले। ग्रामीण
और पुलिस देर रात तक जंगल में बच्ची को तलाशती रही लेकिन कामयाबी नहीं मिली, मंगलवार को सुबह गांव
वालों ने जंगल की सघन तलाशी ली जिसमें बच्ची का क्षत- विक्षिप्त सिर और शरीर के अंग बिखरे मिले। तेंदुआ
का अभी कोई सुराग नहीं लगा है।
घटना की सूचना पर एसडीएम बहेड़ी राजेश चंद्र बहेड़ी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि शीशगढ़ के गांव
भुजिया में रहने वाले बबलू का घर आबादी से बाहर बना है। सोमवार शाम को खाना खाने के बाद बबलू की बेटी
उपासना कुछ दूरी पर स्थित दुकान से कापी लेने के लिए निकली। आधे घंटे तक न लौटने पर घरवालों ने उपासना
की तलाश शुरू की। पुलिस ने गांव वालों की मदद से बच्ची की तलाश में कॉम्बिंग शुरू कर दी लेकिन देर रात तक
उसका पता नहीं चला। मंगलवार को सुबह गांव वालों ने जंगल तलाशी ली जिसमें बच्ची का क्षत- विक्षिप्त शव
बरामद हुआ।
बूझिया के गांव प्रधान के मुताबिक आस-पास के गांव में कई दिन से तेंदुआ घूम रहा था। वह कई छोटे जानवरों
को उठा चुका है। वन विभाग ने तेंदुए के कई दिनों से घूमने की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। चीफ कंजर्वेटर
ललित वर्मा ने कहा कि ग्रामीणों की क्षेत्र में बाघ विचरण की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया है , इसकी जाँच
होगी, दोषी वन स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होगी।