नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों सौदे पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद जहां फ्रांस ने आरोपों से इन्कार किया है वहीं सौदे में शामिल अनील अंबानी की कंपनी ने कांग्रेस पर मुकदमे की धमकी दी है।
इस सौदे को भारत के फायदे में बताते हुए फ्रांस ने कहा है कि इसका चुनाव इसके शानदार प्रदर्शन और प्रतिस्पर्द्धात्मक कीमतों के चलते किया गया है। फ्रांसीसी दूतावास के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इसकी खरीद में पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया गया है। इस करार से भारत में रक्षा उत्पादन उद्योग का विकास होगा।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस से 36 लड़ाकू विमानों की खरीद पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मंगलवार को सवाल उठाया था। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल सौदे में अपने उद्योगपति दोस्त के लिए देश की सुरक्षा से समझौता किया। इस डील से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचेगा।
फ्रांस के राजनयिक सूत्रों ने इसे घरेलू राजनीतिक मामला बताते हुए इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। लेकिन, साथ ही कहा कि किसी भी तरह का दावा करने से पहले तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या फ्रांस इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए भी उत्सुक है, सूत्रों ने कहा कि यह भारत पर निर्भर करता है। फिलहाल तो हमारा ध्यान भारत को 36 विमान उपलब्ध कराने पर है। राफेल फ्रांस की दासो कंपनी द्वारा बनाया गया दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है। यह एक मिनट में 60,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। साथ ही यह 2200 से 2500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।
इस डील में कांग्रेस ने अनील अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को लेकर कहा है कि इस सौदे में उसे ज्यादा पैसे दिए गए हैं। इससे नाराज कंपनी कहा है कि कांग्रेस अपना बयान वापिस ने नहीं तो केस किया जाएगा।