जयपुर। राजस्थान में सात विधानसभा क्षेत्र झुंझुनूं, रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी, खींवसर एवं सलूंबर के उपचुनाव के लिए सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरु हुआ मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है और पहले दो घंटे में करीब ग्यारह प्रतिशत मतदाताओं ने अपना वोट डाला।
निर्वाचन विभाग के अनुसार मतदान सुबह सात बजे इलेकट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिए शांतिपूर्वक शुरु हुआ और कुछ स्थानों पर ईवीएम में मामूली गड़बड़ी या थोड़ा समय लगने की शिकायतों को छोड़कर कहीं से कोई किसी तरह की शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं और सुबह नौ बजे तक 10़ 51 प्रतिशत मतदान हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खींवसर विधानसभा के कुचेरा में मतदान करने आये एक व्यक्ति की तबीयत खराब होने की जानकारी मिली जिसे इलाज के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। सभी क्षेत्रों में मतदान शांतपूर्वक चल रहा हैं और अब तक कहीं से कोई अप्रिय खबर प्राप्त नहीं हुई हैं। इसके अलावा देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में मतदाताओं के मतदान के लिए आगे नहीं आने की खबरे आ रही हैं जहां ग्रामीण गांव को उपखंड से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।
सुबह मतदान केन्द्रों पर मतदान शुरु होने से पहले ही मतदाताओं की आना शुरु हो गया और मतदान शुरु होते ही लाइने लगनी शुरु हो गई। इन सात विधानसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुरक्षित, बिना भय एवं प्रलोभन के मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतदाता शाम छह बजे तक अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।
उपचुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), विपक्षी दल कांग्रेस एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) भारत आदिवासी पार्टी (बाप) तथा अन्य कुछ दलों के प्रत्याशियों एवं निर्दलीय सहित 69 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं और इसमें 19 लाख 37 हजार 485 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे जिसमें दस लाख चार हजार 736 पुरुष और नौ लाख 32 हजार 742 महिला एवं सात थर्ड जेंडर मतदाता शामिल है। मतदान के लिए 53 सहायक बूथ सहित 1915 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिससे मतदाताओं को लम्बी कतार में इंतजार ना करना पड़े।
उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा, सांसद हनुमान बेनीवाल, बृजेन्द्र सिंह ओला एवं राजकुमार रोत, पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा सहित प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की राजनीतिक एवं चुनावी प्रतिष्ठा दांव पर हैं।