जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित प्रत्येक नागरिक के लिए मानवीय दृष्टिकोण के साथ राहत उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है और उसके प्रयास फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नियमों में संशोधन किया है, जिसका प्रदेश के किसानों को फायदा मिलने लगा है।
श्री गहलोत शनिवार को रात मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की आपदा में न्यूनतम हानि तथा अधिकतम राहत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया है। उल्लेखनीय है कि श्री गहलोत ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि आदान-अनुदान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा दावे के विरूद्ध समायोजित करने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री के इस आग्रह पर केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा में समायोजन किए बिना सीधे ही प्रभावित किसानों को अलग से इनपुट सब्सिडी की पूरी राशि भी दी जा रही है। इससे किसानों को इनपुट सब्सिडी का तत्काल भुगतान होगा तथा फसल बीमा राशि का भी पृथक से भुगतान हो सकेगा।
श्री गहलोत ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पुराने तथा नये क्लेमों का भुगतान शीघ्र करने के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को 2022-23 की समस्त इनपुट सब्सिडी भी आगामी 15 सितम्बर तक वितरित किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 30.15 लाख काश्तकारों को 2595.57 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई है, जिसमें वर्ष 2022-23 में 6.82 लाख कृषकों को 800 करोड़ रूपये की इनपुट सब्सिडी शामिल है।
बैठक में विभिन्न आपदाओं के दौरान पूर्व में दी गई तत्काल सहायता एवं स्वीकृतियों का कार्योत्तर अनुमोदन भी किया गया। इनमें कोविड-19 से मृत्यु होने पर मृतकों के आश्रितों को एसडीआरएफ से अनुग्रहिक सहायता (प्रति मृतक 50 हजार रूपये) के भुगतान के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को वर्ष 2021-22 में 137.56 करोड़ एवं वर्ष 2022-23 में 53 करोड़ रूपये का बजट आवंटन एवं मानसून वर्ष 2022 में अतिवृष्टि/बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसम्पत्तियों सड़कों, बांधों, नहरों, भवनों आदि के 208.54 करोड़ रुपए के 8599 राहत कार्य सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सजगता से की गई तैयारियों तथा राहत कार्यों के परिणामस्वरूप मानसून के प्रारंभिक महीनों में अधिक वर्षा होने पर भी बाढ़/वर्षाजनित हादसों में जनहानि नगण्य हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबन्धन व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा एवं अन्य विभागों को आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों से संबंधित विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वीराज ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में लगभग तीन हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम की राशि 31.54 लाख पॉलिसीधारकों को वितरित की जा चुकी है। शेष राशि लगभग 700 करोड़ रुपए का सितंबर के मध्य तक भुगतान कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का राजस्व रिकॉर्ड (ई-धरती) के साथ इंटीग्रेशन करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है। डिजीक्लेम के माध्यम से बीमा क्लेम वितरण करने में राजस्थान अग्रणी राज्यों में गिना जाता है तथा योजना के समग्र क्रियान्वयन में राजस्थान का दूसरा स्थान है। शत-प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग ऑनलाइन करने पर धौलपुर जिले को भारत सरकार द्वारा हाल ही में सम्मानित किया गया है।