रांची।मुंगेर चेंबर ऑफ कॉमर्स की हवेली खड़गपुर शाखा की ओर से पंच कुमारी कन्या उच्च विद्यालय परिसर में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें रांची झारखंड के सदानंद सिंह यादव, डॉक्टर सुरेंद्र कौर नीलम, नेहाल हुसैन सरैयावी, चंद्रिका ठाकुर देशदीप तथा डॉ रजनी शर्मा चंदा ने शिरकत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात डॉक्टर सुरेंद्र कौर नीलम ने मां शारदे वंदन तेरे चरणों में शत शत नमन के बोल से सरस्वती वंदना किया। मंच संचालन रांची के वरिष्ठ शायर निहाल हुसैन सरैयावी कर रहे थे। लोक गायक सदानंद सिंह यादव ने अपनी जन्म भूमि पर स्वरचित लोकगीत युग युगों से दिशाएं सुनाती रही जन्मभूमि के जैसी कोई माटी नहीं और सनातन धर्म के नववर्ष पर आंचलिक गीत की शानदार प्रस्तुति दी और हजारों की संख्या में उपस्थित भीड़ के हृदय पर अपनी छाप छोड़ दी। रांची की कवयित्री डॉ रजनी शर्मा चंदा ने हम वो दरिया हैं जो मौजों को मोड़ देते हैं,गुजरे जिस शय से खुशबू अपनी छोड़ देते हैं।हमसे मिलना तो अदब से मिलना ऐ साहिब-हम वो शीशा हैं जो पत्थर को तोड़ देते हैं । शानदार मुक्तक से जनता की वाहवाही बटोरी। उसके बाद अपनी श्रृंगार रस की गजल प्रस्तुति से जनता को बूंदाबांदी के बीच भी डटे रह कर झूमने पर विवश कर दिया। हल्की बूंदाबांदी के बीच भी जनता शेरो शायरी सुनती रही। नेहाल हुसैन सरैयावी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा जनता को अपनी बातों से हंसाते गुदगुदाते रहे। उनका शेर जिंदगी के उदास कागज पर दिल का पैगाम लिखने वाला था ,रोशनाई बिखर गई वरना मैं तेरा नाम लिखने वाला था। इसपर जनता ने खूब तालियां बजाई ।चंद्रिका ठाकुर देशदीप ने कहा कि हीरे की हैसियत तो मेरी भी थी जनाब पर हीरे की तरह मुझ को तराशा नहीं गया, अगर मौसम जरा साथ देता तो कुछ और बात होती। डॉ सुरेंद्र कौर नीलम ने थोड़ी देर और ठहर जाते तो तेरा क्या जाता दिल के मौसम पर कहर ढाते तो तेरा क्या जाता सुनाकर लोगों के दिलों को जीत लिया। सभी कवि कवयित्रियों को शाखा के अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया। रांची झारखंड के कवि एवं कवियित्रियों ने मुंगेर के दर्शनीय स्थलों तथा झील का भ्रमण किया और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाया ।