लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगल बादशाह अकबर के बजाय राजपूत शासक महाराणा प्रताप को महान करार देते हुए कहा है कि महाराणा ने उस वक्त की सबसे बड़ी सैन्य ताकत के सामने जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया था, उसका उदाहरण बिरले ही मिलता है। मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप की जयन्ती पर कल आयोजित एक कार्यक्रम में कहा ‘‘हल्दीघाटी के युद्ध में कौन जीता, कौन हारा यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि अपनी सेना के साथ उस समय की सबसे बड़ी ताकत के सामने जूझते हुए महाराणा प्रताप ने जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया था, इतिहास में इस प्रकार के उदाहरण बिरले ही मिलते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यही नहीं, वह लड़ाई एक दिन की नहीं थी। वह युद्ध कई वर्षों तक अरावली की पहाड़ियों में लड़ा गया और अंततः अपने सभी दुर्ग और किलों को वापस जीत करके महाराणा प्रताप ने यह बात साबित की थी कि महान अकबर नहीं, बल्कि महान राणा प्रताप ही हैं, जिन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर उस कालखण्ड में भी भारत के सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा की थी।’’ योगी ने कहा, ‘‘जरा सोचिये अगर महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली होती तो क्या आज हम मेवाड़ के उस राजवंश को राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में इस तरह का सम्मान देते।
वही बात आज के परिप्रेक्ष्य में हम सब पर भी लागू होती है। जब हम अपने उस तनिक से स्वार्थ के लिये अपने समाज, अपने धर्म, अपनी संस्कृति और अपने राष्ट्र के साथ कभी-कभी इस प्रकार की छेड़छाड़ करने लगते हैं, जिससे अपूरणीय क्षति की सम्भावना बनी रहती है।’’ मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पत्रिका ‘अवध प्रहरी’ के विशेषांक का विमोचन भी किया।