लखनऊ । मथुरा में ठाकुर बांके बिहारी की नगरी वृंदावन और राधा जी की प्राकट्य स्थली बरसाना प्रदेश के पहले तीर्थस्थल घोषित किए गए हैं। धर्मार्थ कार्य मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि दोनों तीर्थस्थलों को नो क्राइम जोन बनाया जाएगा और समुचित विकास किया जाएगा।
नगर निगम और निकाय चुनाव के बाद बरसाना को नगर पालिका का दर्जा दिया जाएगा।
तीर्थस्थल बनेंगे वृंदावन और बरसाना-
मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बताया हरिद्वार के उत्तराखंड में चले जाने के बाद प्रदेश में कोई भी घोषित तीर्थस्थल नहीं था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत के बाद दोनों धार्मिक स्थलों को तीर्थस्थल बनाने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई। करीब एक दशक से बरसाना और वृंदावन की जनता दोनों धार्मिक स्थलों को तीर्थस्थल घोषित करने की मांग कर रही थी।
जन भावना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि दोनों धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यहां अंडा, मांस, मछली और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध भी लग जाएगा।
सुरक्षा के साथ पर्यटकों की होगी पुख्ता सुरक्षा-
वृंदावन पहले से ही ड्राई जोन है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को ठहरने और घूमने फिरने की सभी सुविधा और सहूलियतें उपलब्ध कराई जाएंगी। दोनों ही धार्मिक स्थलों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएंगे। धर्मार्थ मंत्री ने बताया कि तीर्थ स्थल घोषित होने के साथ ही वृंदावन और बरसाना का संपूर्ण विकास कराया जाएगा।
दूसरी ओर धर्मार्थ कार्य विभाग ने इस संबंध में शाम को आदेश भी जारी कर दिया। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इन पवित्र स्थलों पर देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने एवं पुण्य लाभ के लिए आते हैं।
इनकी पौराणिक महत्ता एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व को देखते हुए इन्हें पवित्र तीर्थस्थल घोषित किया गया है। यह पहला मौका है, जब प्रदेश में किसी धार्मिक स्थल को तीर्थस्थान का दर्जा दिया गया।
मांस और शराब बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा-
वृंदावन व बरसाना के तीर्थस्थल घोषित होते ही इन दोनों जगहों पर मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा।
गौरतलब है कि वृंदावन में डेढ़ करोड़ तो बरसाना में 60 लाख श्रद्धालु हर साल पहुंचते है। प्रमुख सचिव सूचना, पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य अवनीश अवस्थी ने इस फैसले की पुष्टि की है। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर एक्ट में संशोधन किया जाएगा।
अवस्थी ने बताया मथुरा का वृंदावन क्षेत्र भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और उनके ज्येष्ठ भ्राता बलराम की क्रीड़ास्थली के रूप में विख्यात है। साथ ही, बरसाना श्री राधारानी की जन्मस्थली है। इन तीर्थस्थलों का पौराणिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्व को देखते हुए ही इन्हें पवित्र तीर्थस्थल घोषित किया गया है।
धर्मार्थ विभाग में बदला मथुरा का इतिहास-
धर्मार्थ कार्य विभाग ने वृंदावन बरसाना को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित करने के अपने आदेश में मथुरा का इतिहास बदल डाला है। प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने जो आदेश जारी किया है, उसमें वृंदावन को श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और उनके बड़े भ्राता श्री बलराम की क्रीड़ा स्थली बताया है, जबकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म कंस के कारागार में मथुरा में हुआ था।
जन्म लेते ही भगवान श्री कृष्ण गोकुल चले गए और उसके बाद नंद गांव चले गए, वहीं मथुरा वासी राधा जी का जन्म आज भी रावल गांव में मनाते हैं, जबकि प्रमुख सचिव ने अपने आदेश में राधा की जन्मभूमि को बरसाना बताया है।
वहीं दूसरी तरफ बरसाने वाले राधा का जन्म बरसाना नहीं मानते हैं। धर्मार्थ विभाग इस आदेश पर दिल्ली में भाजपा नेता अविनाश कपूर ने भी ट्वीट किया है कि धर्मार्थ विभाग में इतिहास को बदलने की कोशिश की है। इसलिए इस मामले में प्रमुख सचिव पर कार्रवाई की जानी चाहिए।