नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के कुछ चुनिंदा कॉलेजों को स्वायत्त ता देने के मुद्दे पर यूजीसी द्वारा आयोजित वर्कशॉप का शिक्षक संघ के सदस्य विरोध कर रहे थे। डूटा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस प्रस्तावित योजना को ‘ स्वायत्तता और निजीकरण का संदिग्ध मॉडल ’ बताते हुए कहा कि इसका ‘शैक्षणिक स्वतंत्रता से कोई लेना-देना’ नहीं है।
डूटा के अध्यक्ष राजीब राय ने बताया कि यूजीसी ने स्वायत्तता के प्रारूप पर चर्चा के लिये डीयू के 35 कॉलेजों के प्राचार्यों की आज एक बैठक बुलाई थी, जिसके जरिये इन कॉलेजों को स्व वित्त- पोषित पाठ्यक्रमों को शुरू करने और विस्तार के लिये अपने संसाधन जुटाने के लिये शुल्क में वृद्धि के लिये के लिये वित्तीय स्वायत्तता दी जा सके। उन्होंने दावा किया, श्स्वायत्तता और निजीकरण के इस संदिग्ध मॉडल का शैक्षणिक स्वतंत्रता से कोई लेना-देना नहीं है।” इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने सामूहिक तौर पर इस वर्कशॉप का विरोध करते हुए कहा था कि इसे दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघन करके आयोजित किया जा रहा है।