नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो और तीन जनवरी को तमिलनाडु और लक्षद्वीप का दौरा करेंगे। इस दौरान वह कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी दो जनवरी को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली पहुंचेंगे और भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
मोदी राष्ट्र को कई रेल परियोजनाएं समर्पित करेंगे, जिनमें मदुरै से तूतीकोरिन तक 160 किलोमीटर के रेल लाइन खंड का दोहरीकरण और रेल लाइन विद्युतीकरण की तीन परियोजनाएं शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि रेल परियोजनाएं माल ढुलाई और यात्रियों को ले जाने की रेल क्षमता में सुधार करने में मदद करेंगी और तमिलनाडु में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में योगदान देंगी।
बयान में कहा गया है कि मोदी राष्ट्र को पांच सड़क परियोजनाएं भी समर्पित करेंगे, जो क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगी और त्रिची, श्रीरंगम, चिदंबरम, रामेश्वरम, धनुषकोडी, उतिराकोसमंगई, देवीपट्टिनम, इरवाडी, मदुरै जैसे औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्रों की कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।
बयान में कहा गया है कि वह सड़क विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 332ए के मुगैयुर से मरक्कनम तक 31 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क का निर्माण भी शामिल है। बयान के अनुसार, यह सड़क तमिलनाडु के पूर्वी तट पर बंदरगाहों को जोड़ेगी, विश्व धरोहर स्थल मामल्लपुरम के लिए सड़क संपर्क बढ़ाएगी और कलपक्कम परमाणु ऊर्जा संयंत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री कामराजार बंदरगाह के जनरल कार्गो बर्थ-दो (ऑटोमोबाइल निर्यात/आयात टर्मिनल-दो और कैपिटल ड्रेजिंग चरण-पांच) को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
बयान के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान वह 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इसके अनुसार पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की परियोजनाएं क्षेत्र में ऊर्जा की औद्योगिक, घरेलू और वाणिज्यिक आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में एक कदम होंगी।
बयान के अनुसार, इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी कलपक्कम में ‘इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र में ‘डिमॉन्स्ट्रेशन फास्ट रिएक्टर फ्यूल रीप्रोसेसिंग प्लांट’ भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
चार सौ करोड़ रुपये की लागत से विकसित, यह संयंत्र एक अद्वितीय डिजाइन से सुसज्जित है, जो दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र है और रिएक्टर से निकलने वाले कार्बाइड और ऑक्साइड ईंधन दोनों को पुन: संसाधित करने में सक्षम है। यह पूरी तरह से भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किया गया है।
बयान के अनुसार, अन्य परियोजनाओं के अलावा, मोदी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) तिरुचिरापल्ली के 500 बिस्तरों वाले छात्रावास ‘एमेथिस्ट’ का उद्घाटन करेंगे।
लक्षद्वीप की अपनी यात्रा के दौरान मोदी 1,150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
बयान के अनुसार, एक परिवर्तनकारी कदम के तहत, प्रधानमंत्री ने कोच्चि-लक्षद्वीप आइलैंड्स सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (केएलआई-एसओएफसी) परियोजना की शुरुआत करके लक्षद्वीप में धीमी इंटरनेट गति की चुनौती को दूर करने का संकल्प लिया था और अगस्त 2020 में लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस पर एक घोषणा की थी।
बयान में कहा गया है कि यह परियोजना अब पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन मोदी करेंगे। बयान में कहा गया है कि इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से अधिक (1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस तक) बढ़ जाएगी।
बयान के अनुसार, अन्य परियोजनाएं जो राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी, उनमें कवारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र भी शामिल हैं, जो लक्षद्वीप की पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना है। बयान के अनुसार, इससे डीजल आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्र पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।