पटना। फेसबुक से डाटा चोरी को लेकर हुए विवाद में अपने पुत्र अमरीश त्यागी की ओर से सफाई देते हुए जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि अमरीश की कंपनी “ओजीआई” का एलेक्जेंडर निक की कंपनी कैम्ब्रिज एनलिटिका (सीए) से कोई वित्तीय संबंध नहीं है।
उन्होंने बताया कि ओजीआइ देश में बूथ स्तर पर चुनावी दृष्टिकोण से रिसर्च करती है। 2013 में अमेरिका के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में प्रचार करने का जिम्मा सीए ने संभाला था।
उसने ओजीआई को एशियाई मूल के लोगों के बीच ट्रंप के पक्ष में माहौल बनाने के लिए कहा था। अमरीश त्यागी ने अमेरिका में कैंप कर यह काम किया लेकिन उसके एवज में कोई राशि नहीं ली। केवल उसके ठहरने और खाने का इंतजाम सीए ने किया। अभी जिस डाटा चोरी की बात सामने आ रही है, वह लंदन में हुआ है, भारत में नहीं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस मामले में जांच कराएं। यह भी जांच करा लें कि सीए का ओजीआई से कोई वित्तीय संबंध है या नहीं।
कैंब्रिज एनालिटिका की सहयोगी से कई दल लेते रहे मदद-
फेसबुक से डाटा चोरी और चुनावों में उसके दुरुपयोग को लेकर घेरे में आई कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के साथ संबंध से सभी राजनीतिक दल इन्कार कर रहे हैं। लेकिन, भारत में उसकी सहयोगी कंपनी ओबीआइ की साइट पर ग्राहकों में भाजपा, कांग्रेस और जदयू का नाम शामिल है। विवाद के बाद साइट को सस्पेंड कर दिया गया है। ओबीआइ के संचालक जदयू महासचिव केसी त्यागी के पुत्र हैं।
कैंब्रिज एनालिटिका पर ग्राहकों की सूचनाएं चोरी कर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का आरोप है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव में कैंब्रिज एनालिटिका ने काम किया था। भारत में उसकी सहयोगी के रूप में ओबीआइ है। वह भी राजनीतिक दलों को अपनी सेवाएं देती है। हालांकि, ओबीआइ ने तत्काल अपनी साइट पर ही सफाई दे दी कि वह नैतिकता में विश्वास करती है। कैंब्रिज एनालिटिका से उसके बिजनेस संबंध हैं, लेकिन किसी स्तर पर सोशल मीडिया से जुड़ा कोई काम नहीं है।