शिलांग। मेघालय के ईस्ट जयंतिया जयंतिया हिल्स जिले के अवैध कोयला खदान में हुए हादसा स्थल पर शुक्रवार की सुबह 11.05 बजे ओड़िशा अग्निशमन विभाग ने अपने पंप को चालू किया है। ओड़िशा अग्निशमन विभाग ने जिस खदान से गुरुवार को पानी निकाला था, उसकी शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे जांच के बाद बताया है कि पानी का स्तर पुराने स्तर पर पुनः पहुंच गया है। हालांकि पुनः अग्निशमन विभाग ने अपने पंप को सुबह चालू कर दिया है। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया है कि आसपास के अन्य खदानों में अधिक पंपों का उपयोग किया जाएगा। अभियान चला रहे विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि कोल इंडिया का पंप और किर्लोस्कर कंपनी का पंप जल्द से जल्द तैयार हो जाएंगे। उसके बाद पानी निकालने की गति में काफी तेजी आएगी। कोल इंडिया ने शुक्रवार तक मुख्य खदान और उसके पास के पुराने खदान पर अस्थायी ढांचा स्थापित किया है। किर्लोस्कर भी मुख्य खदान पर ढांचा तैयार करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। एनआरडीएफ समेत अन्य एजेंसियां इस कार्य में अपनी ओर से पूरी मदद कर रही हैं। साथ ही प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक सहायता और संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिला के साइपुंग थानांतर्गत कसान गांव में स्थित एक कोयले की अवैध खदान में अचानक पानी भर जाने से खदान में अंदर कोयला खोद रहे 15 श्रमिक गत 13 दिसम्बर से फंसे हुए हैं। ज्ञात हो कि जिस स्थान पर श्रमिक फंसे हैं, वहां पर लगभग 90 खदान हैं। खदान के पास लगभग 500 मीटर की दूरी पर बहने वाली लाइटेन नदी का पानी भी खदान में आने की आशंका जताई गई है। इसकी वजह से हादसे वाले खदान के पानी का स्तर कम नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि जिस खदान में श्रमिकों के होने की संभावना है उसकी कुल गहराई 380 फुट के आसपास है। उसमें लगभग 80 फुट पानी भरा हुआ है। खदान से श्रमिकों को बचाने के लिए 14 दिसम्बर से प्रथम एनडीआरएफ, मेघालय एसडीआरएफ, अग्निशमन की टीम अभियान चला रही है। बाद में मौके पर ओड़िशा अग्निशमन विभाग, नौसेना, कोल इंडिया, किर्लोस्कर कंपनी के विशेषज्ञ भी पहुंचकर अभियान चला रहे हैं। श्रमिकों का पता लगाने के लिए शुक्रवार की सुबह 23वें दिन का अभियान आरंभ किया गया है।