मुनाफाखोरी करने वालों की अब खैर नहीं, अथॉरिटी ऐसे करेगी काम

asiakhabar.com | November 17, 2017 | 4:17 pm IST

17 Nov नई दिल्ली। सरकार ने जीएसटी के तहत 200 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स में की गई कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को “नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी” (एनएए यानी “ना”) या राष्ट्रीय मुनाफारोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी।

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि “नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी देश के उपभोक्ताओं के लिए एक भरोसा है। यदि कोई ग्राहक यह महसूस करता है कि टैक्स में कटौती का फायदा उसे नहीं मिल रहा है तो वह अथॉरिटी के पास शिकायत कर सकता है।”

उन्होंने कहा कि यह कदम उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि जीएसटी लागू होने का फायदा आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सरकार सभी संभव कदम उठाएगी। कैबिनेट ने तत्काल इस अथॉरिटी के गठन को मंजूरी दी है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि जीएसटी दर में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को मिले।

ऐसे होगा कामकाज

– जीएसटी के तहत एंटी-प्रॉफिटियरिंग व्यवस्था में स्थानीय प्रकृति की शिकायत पहले राज्य स्तरीय “स्क्रीनिंग कमेटी” के पास भेजी जाएगी और जो शिकायतें राष्ट्रीय स्तर की होंगी वह “स्टैंडिंग कमेटी” के पास जाएंगी।

– यदि शिकायतों में दम पाया गया तो सम्बद्ध कमेटियां आगे की जांच के लिए उन्हें डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेफगार्ड (डीजीएस) के भेजेगी।

– डीजी सेफगार्ड आमतौर पर अपनी जांच तीन महीने में पूरी कर अपनी रिपोर्ट एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को भेजेगा।

– अथॉरिटी ने यदि यह पाया कि कंपनी ने जीएसटी का फायदा ग्राहकों को नहीं दिया है तो वह संबंधित कंपनी को वंचित लाभार्थी को लाभ देने का निर्देश देगा। लाभार्थी की पहचान नहीं होने की सूरत में कंपनी को वह राशि नियत समय में “उपभोक्ता कल्याण कोष” में जमा कराने को कहा जाएगा।

उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई

यदि किसी कंपनी या प्रतिष्ठान ने जीएसटी में टैक्स कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं दिया तो अथॉरिटी को उस कंपनी या प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का अधिकार होगा। लेकिन यह कार्रवाई अंतिम विकल्प होगी। इसके सिवाय अथॉरिटी जुर्माना भी लगा सकेगा।

पांच सदस्यीय कमेटी तय करेगी नाम

कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय कमेटी होगी, जो अथॉरिटी के चेयरमैन तथा सदस्यों के नाम तय करेगी। चयन कमेटी में राजस्व सचिव हसमुख अढिया, सीबीईसी चेयरमैन वी. सरना तथा दो राज्यों के मुख्य सचिव भी होंगे। अथॉरिटी का कार्यकाल उसके चेयरमैन के पद ग्रहण करने की तारीख से दो साल का होगा। अथॉरिटी के चेयरमैन तथा चार सदस्यों की उम्र 62 साल से कम होगी।


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