नई दिल्ली। कभी ममता बनर्जी के बाद टीएमसी में दूसरे नंबर पर रहे मुकुल रॉय ने भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने शुक्रवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके साथ ही पश्चिम बंगला की राजनीति गर्मा गई है। रॉय को टीएमसी के चाणक्य के रूप में भी जाना जाता है और माना जा रहा है कि उनके पार्टी में आने के बाद भाजपा बंगला में सेंध लगा देगी।
हालांकि, टीएमसी का कहना है कि रॉय के जाने से उसे कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला। मुकुल रॉय के भाजपा में आने के कुछ देर बाद ही टीएमसी ने एक बयान में कहा कि समुद्र से अगल एक लोटा पानी ले लिया जाए तो उससे समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता। रॉय के जाने का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
टीएमसी के अलावा कांग्रेस ने भी रॉय के इस तरह भाजपा में जाने पर उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता दिनेश गुंजुराव ने कहा कि जब असंतुष्ट लोग अपनी पार्टी छोड़ते हैं तो वो पूरी कोशिश करते हैं कि पूर्व पार्टी को नीचा दिखाएं। अगर यह वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं है तो मुकुल रॉय अपनी विश्वसनीयता खो देंगे।
इन बयानों के बीच भाजपा की पश्चिम बंगाल इकई ने रॉय का पार्टी में स्वागत किया है। इससे पहले मुकुल ने खुशी जताई कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करेंगे। साथ ही दावा किया कि भाजपा अब पश्चिम बंगाल में भी सरकार बनाएगी। संभावना है कि भाजपा उन्हें फिलहाल त्रिपुरा व पूर्वोत्तर राज्यों में जिम्मेदारी देगी।