नई दिल्ली। भारत जल्दी ही ब्रिटेन की अदालत को सूचित करेगा कि भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या को अगर 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज चूक मामले में प्रत्यर्पण किया जाता है तो जेल में उनके जीवन को कोई खतरा नहीं होगा।
वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट को क्राउन प्रोस्किक्यशून सर्विस (सीपीएस) के जरिये भारत सरकार द्वारा आश्वासन दिया जाएगा। प्रत्यर्पण मामले में सीपीएस भारत सरकार की तरफ से पैरवी कर रहा है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। सोमवार को हुई इस बैठक में विदेश मंत्रालय समेत विभिन्ना विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में ब्रिटेन की अदालत में रखे गए जवाब पर विचार किया गया।
इसमें माल्या की इस आशंका को खारिज किया गया कि अगर उन्हें 9,000 करोड़ रुपये के किंगफिशर ऋण चुकता नहीं करने के मामले में सुनवाई के लिए भारत वापस भेजा जाता है तो वह भारतीय जेल में सुरक्षित नहीं रहेंगे।