बीजिंग/नई दिल्ली। भारतीय सुंदरता ने सत्रह साल बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर अपना परचम लहराया है। चीन के सान्या शहर में शनिवार रात मिस इंडिया मानुषी छिल्लर को इस साल की मिस वर्ल्ड घोषित किया गया। स्पर्धा में दुनियाभर की 118 सुंदरियों ने हिस्सा लिया था। 20 वर्षीय मानुषी ने सभी प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ खिताब अपने नाम किया।
इस एक जवाब ने मानुषी को दिलाया मिस वर्ल्ड का ताज –
मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के अंतिम राउंड में जब जजों ने मानुषी से पूछा- किस पेशे को सबसे ज्यादा सैलरी मिलना चाहिए अौर क्यों? इस पर मानुषी ने कहा- चूंकि मैं अपनी मां के अत्यधिक करीब हूं। इसलिए सोचती हूं कि मां सबसे अधिक सम्मान की हकदार हैं। जहां तक सैलरी की बात है तो इसका मतलब धन से नहीं, बल्कि मान और सम्मान से है। सभी मांएं अपने बच्चों के लिए बहुत कुछ कुर्बान करती हैं। इसलिए मेरा मानना है कि मां ही वह पेशा है, जिसे सर्वोच्च सम्मान और वेतन मिलना चाहिए। मानुषी के इस जवाब ने उन्हें खिताब दिला दिया। मानुषी ने मिस फोटोजेनिक का अवॉर्ड भी जीता।
मानुषी 67वीं मिस वर्ल्ड –
इससे पहले आखिरी बार 2000 में प्रियंका चोपड़ा को मिस वर्ल्ड चुना गया था। संयोग से वे भी हरियाणा के अंबाला की हैं। इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर मिस मेक्सिको एंड्रिया मेझा और तीसरे नंबर पर मिस इंग्लैंड स्टिफेनी हिल रहीं। मानुषी 67वीं मिस वर्ल्ड हैं। मानुषी वर्ष 2017 मिस इंडिया और मिस हरियाणा रह चुकी हैं।
मेडिकल की छात्रा –
मानुषी का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के एक गांव में हुआ। पिता मित्रवासु और मां नीलम दोनों डॉक्टर हैं। परिवार अब दिल्ली में रहता है। वे सोनीपत के बीपीएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकंड ईयर में हैं और कार्डिएक सर्जन बनना चाहती हैं। शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल से हुई। पैराग्लाइडिंग, बंजी जंपिंग और स्कूबा डाइविंग रोमांचक जैसे खेल पसंद हैं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य में प्रशिक्षण लिया है। वे स्कैचिंग और पेंटिंग भी बनाती हैं।
सच हुआ बचपन का सपना –
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि बचपन में मैं हमेशा से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहती थी। हालांकि, मुझे यह कभी नहीं पता था कि मैं यहां तक पहुंच जाऊंगी। मानुषषी समाजसेवा के कार्यो से भी जु़़डी रही हैं। उन्होंने महिलाओं की माहवारी के दौरान हाइजीन से संबंधित एक कैंपेन में करीब 5000 महिलाओं को जागरूक किया है।