नई दिल्ली। रोहतक की एक महिला को अपने ही पति के खिलाफ झूठे सामूहिक बलात्कार की शिकायत दर्ज करने के जुर्म में सात साल की जेल की सजा दी गई है। उधर, रेवारी न्यायालय ने चार अलग-अलग मामलों में पुरुषों के खिलाफ लगाए गए बलात्कार के झूठे मामले की सुनवाई की।
इनमें से ज्यादातर मामलों के पीछे असली मकसद या तो व्यक्तिगत बदला लेना होता है या पैसे की उगाही करना होता है। मगर, लातूर में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां एक महिला ने अपने प्रेमी, उसके भाई और दोस्तों पर रेप का झूठा आरोप लगाया।
मगर, इसकी जो वहज थी, वह जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, युवक ने लड़की का फोन नहीं उठाया था और न ही उसके मैसेज का जवाब दिया था। इससे परेशान होकर 24 वर्षीय महिला ने यह कदम उठाया। एक हफ्ते के बाद जब पुलिस ने लड़के से सवाल-जवाब किए, तो पता चला कि वे दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और मानवीय आधार पर उन्हें छोड़ दिया।
युवक काम की तलाश में पुणे चला गया था। उसे नहीं पता था कि उसकी प्रेमिका भी शहर में आई है। प्रेमिका उसे काफी टेक्स्ट और ऑनलाइन मैसेज भेजती थी, इससे तंग आकर उसने महिला से बात करना बंद कर दिया था। उसने आगे स्वीकार किया कि वह महिला से शादी करना चाहता है और उसके दावे को पुलिस ने क्रॉस वैरीफाई किया।
कोंढवा पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक मिलिंद गायकवाड़ ने कहा कि महिला ने पुलिस मशीनरी का दुरुपयोग किया है। मगर, हमने मानवीय आधार पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है। दोनों की 27 अक्टूबर को शादी हुई है। इस कहानी का सुखद अंत हो सकता था, लेकिन प्रेमिका ने महिला कार्ड खेलते हुए झूठा आरोप लगाया।