मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर खींचतान जारी है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियां अभी किसी निश्चित फॉर्म्युले पर राजी नहीं हुई हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में थी लेकिन विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने खुद को बड़ा भाई कहते हुए ज्यादा सीटें मांगी थीं। बात नहीं बनने पर दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। आइए जानते हैं कि शिवसेना को बीजेपी से गठबंधन करने से पहले किन बातों का डर सता रहा है:शिवसेना और बीजेपी के बीच पिछले कुछ हफ्तों से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। दोनों पार्टियों के बीच इस दौरान तल्ख बयानबाजी भी देखने को मिली है। जहां एक ओर शिवसेना ने बीजेपी को दफन करने की बात कहते हुए खुद को महाराष्ट्र में बड़ा भाई बताया, वहीं बीजेपी की तरफ से कहा गया कि गठबंधन करना उसकी कोई मजबूरी नहीं है।लगभग हर चुनाव से पहले शिवसेना के कड़े रुख की वजह एक डर भी है, जो बीजेपी ने गोवा में अपने सहयोगी (अब शिवसेना के साथ) महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ किया। एक शिवसेना नेता ने इस डर का इजहार करते हुए कहा था, ‘गोवा में उभार के लिए उन्होंने एमजीपी का इस्तेमाल किया और महाराष्ट्र में शिवसेना की मदद से अपना आधार बढ़ाया। लेकिन शिवसेना कोई एमजीपी नहीं है।’