अंतरिक्ष कंसल
भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार पश्चिमी विक्षोभ के मद्देनजर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण
से बारिश और गरज के साथ बारिश हो सकती है। कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना से इंकार नहीं किया जा
सकता है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ
पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत पर सक्रिय है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान पर एक
प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। इसी तरह पश्चिमी विदर्भ पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात मौजूद है। उत्तर-भारत पर
विपरीत दिशा की हवाओं (पूर्वी-पश्चिमी) का टकराव हो रहा है। इन चार सिस्टम के कारण हवाओं का रुख बदलने
लगा है। उत्तर की ओर चलने वाली हवाएँ देश के मध्य भागों में दक्षिण पूर्वी आद्र्र हवाओं के साथ विलीन हो
जाएंगी। मध्य प्रदेश में दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश से मध्य महाराष्ट्र तक एक ट्रफ विकसित होगी। हवाओं के साथ
लगातार आ रही नमी से प्रदेश के कुछ हिस्सों में बादल छाने लगे हैं। इन मौसम मापदंडों से मध्य प्रदेश में
ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, टीकमगढ़, गुना, छतरपुर, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, पन्ना,
कटनी, जबलपुर और डिंडोरी में 12 से 14 मार्च के बीच गरज के साथ बारिश हो सकती है। वर्तमान में दिन के
तापमान अभी इसी तरह बने रहने की संभावना है। हालांकि बादलों के कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी होने
लगेगी। यानी गर्मी बढ़ेगी। इन तीन दिनों के दौरान राजधानी भोपाल में भी बादल छा सकते हैं। हालांकि यहां
बारिश होने के आसार कम ही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में मार्च के महीने में कम
वर्षा होती है। प्री-मॉनसून गतिविधियां आमतौर पर अप्रैल के महीने में शुरू होती हैं, जब धूल के तूफान, गरज और
हल्की बारिश के रूप में तापमान अधिकांश स्थानों पर 40 डिग्री को पार कर जाता है। प्री-मानसून आंधी और धूल
भरी आंधी वातावरण की तीव्र गर्मी और अस्थिरता का परिणाम है जो गरज के साथ बनती है। आगामी बारिश
बंगाल की खाड़ी से हो रही गर्त और नमी के साथ पश्चिमी विक्षोभ से प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण का परिणाम है।