भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, उनके पुत्र नकुल और प्रदेश भाजपा
अध्यक्ष राकेश सिंह के राजनीतिक भविष्य सोमवार को ईवीएम में सील हो जाएंगे। राज्य की एक
विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के साथ ही छह लोकसभा सीटों के लिए सोमवार को वोट डाले जाएंगे।
इसके अलावा, कांग्रेस की विधि इकाई के प्रमुख विवेक तन्खा और मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के
पूर्व नेता अजय सिंह (कांग्रेस नेता) भी राज्य में 29 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव में मैदान
में हैं। सोमवार का मतदान कमलनाथ और उनके पुत्र के लिए नयी शुरुआत जैसा होगा। नौ बार
लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए कमलनाथ अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं जबकि नकुल के
लिए यह उनका पहला लोकसभा चुनाव है।
भाजपा को जिताए
कमलनाथ 2018 में राज्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़े थे। लेकिन चुनाव बाद कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी
के तौर पर उभरने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बने। नियमों के अनुसार, उन्हें पद संभालने के छह
महीने के भीतर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना जरूरी है। छिंदवाड़ा विधानसभा सीट कमलनाथ के
नजदीकी दीपक सक्सेना ने खाली की थी। नकुल छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कमलनाथ
इस सीट से 2014 के चुनाव में 1,16,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीते थे। भाजपा ने नकुल के
खिलाफ पूर्व विधायक नाथन शाह कवरेती को अपना उम्मीदवार बनाया है। कवरेती एक आदिवासी चेहरा
हैं। नकुल के लिए पिता कमलनाथ और मां अलका प्रचार कर रही हैं। दोनोंयह कहते हुए वोट मांग रहे हैं
कि उन्होंने अपने पुत्र को क्षेत्र के लोगों को सौंप दिया है।
विधानसभा उप-चुनाव के लिए भाजपा ने कमलनाथ के खिलाफ विवेक साहू को मैदान में उतारा है जो
कि पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के नेता हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय
सिंह के लिए सीधी सीट पर काफी कुछ दांव पर लगा है, क्योंकि वह 2014 में सतना से चुनाव हार गए
थे। उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने गृहक्षेत्र चुरहट में हार का सामना करना पड़ा
था। सिंह सतना में भाजपा के गणेश सिंह से आठ हजार से अधिक वोटों से हार गए थे। इस बार वह
सीधी में भाजपा उम्मीदवार रीति पाठक के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। पाठक 2014 में इस सीट से
1.08 लाख से अधिक वोटों से जीती थीं।
तन्खा जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
राकेश सिंह से है। राकेश तीन बार के सांसद हैं और 2004 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। साल 2014
में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने तन्खा को दो लाख से अधिक वोटों से हराया था। छह सीटों- सीधी, शहडोल,
जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा पर चुनाव मध्य प्रदेश में 29 अप्रैल को पहले चरण के तहत
होगा। इसके अलावा, छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव होगा। शहडोल से भाजपा ने हिमाद्री सिंह
को उतारा है जो हाल में कांग्रेस छोड़कर आयी हैं। कांग्रेस ने यहां से प्रमिला सिंह को मैदान में उतारा है।
भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला सीट से अपना उम्मीदवार
बनाया है, जहां से कांग्रेस ने कमल सिंह मरावी को टिकट दिया है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मंडला सीट से रामगुलाम उइके को मैदान में उतारा है। बालाघाट सीट से
भाजपा ने वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काटकर पूर्व मंत्री धाल सिंह बिसेन को उतारा है।
भगत इस बार निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने बालाघाट से मधु भगत जबकि बसपा ने
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व विधायक किशोर समरीते भी निर्दलीय उम्मीदवार
के तौर पर मैदान में हैं।