नई दिल्ली : विचार गोष्ठी का विषय था ‘डॉक्टर – स्वस्थ एवं समर्थ भारत की जीवन रेखा।’ यह विषय कोरोना काल के दौरान डॉक्टरों की सजगता एवं जीवनरक्षा भाव को देखते हुए उनके सम्मान में आयोजित की गई थी। विचार गोष्ठी के उद्धबोधन में भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आदरणीय सुरेश जैन जी ने कार्यक्रम के उद्देश्य की चर्चा की।उन्होंने कहा कि आज के समय में डॉक्टर भगवान के रूप है लेकिन कोरोना के दौरान कुछ डॉक्टर अपने सेवा भाव से विमुख होते नज़र आये और इस वजह से मानवता और सेवा भाव की कमी देखते को मिली। अपने वक्तव्य के दौरान यह सब बातें नई पीढ़ी के डॉक्टरों में मानव-मूल्य संचार बना रहे और समर्थ सेवा भाव विकसित हो ऐसी प्रेरणा देने के लिए सबके समक्ष रखी। अंत मे एनीमिया मुक्त भारत के परिषद के प्रण को दोहराकर उन्होंने अपनी बात पूर्ण की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ हर्षवर्धन जी ने भारत विकास परिषद की उपलब्धता एवं एनीमिया मुक्त भारत की संकल्पना को परिषद जरूर साकार करेगा, इस संकल्प के क्रियान्वन को उन्होंने अपने पोलियो मुक्त भारत की अभियान के उदाहरण से समझाया। डॉक्टरों के कर्तव्यों पर बात करते हुए उन्होने एम्स के डॉक्टरों को भगवान सरीखा बताया। आगे उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत विकास परिषद के सदस्य 1983 से है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में आये एम्स, दिल्ली के निदेशक डॉक्टर श्रीनिवास ने कहा कि भारत विकास परिषद के मार्गदर्शन में हमारे डॉक्टर स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करेंगे। अपने गुरु मीनू वाजपेयी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे गुरु की हमारी प्रेरणा है।
स्वास्थ्य विकास रत्न सम्मान के जुरी सदस्य डॉक्टर वली ने चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे 5 डॉक्टरों के चयन प्रक्रिया एवं पुरस्कार की घोषणा की। डॉ शिव चौधरी हृदय रोग विशेषज्ञ को उनके अतुलनीय योगदान हेतु स्वास्थ्य विकास रत्न सम्मान से सुशोभित किया गया। इसके अतिरिक्त डॉ जी के रथ, डॉ सतीश मखीजा, डॉ एस पी कटारिया एवं डॉ माला श्रीवास्तव को भी स्वास्थ्य विकास रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।