नई दिल्ली। भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की हालिया यात्रा पर चीन की आपत्ति को दृढ़ता से खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि राज्य हमेशा भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा ”था, है और रहेगा।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि चीनी पक्ष को कई अवसरों पर इस ”अडिग रुख” से अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश के इस प्रकार के दौरों या राज्य में भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर आपत्ति जताने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा, ”हम प्रधानमंत्री के अरुणाचल प्रदेश दौरे के संबंध में चीनी पक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं।”
चीन ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने को लेकर उसने भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है और उसने भारत के इस कदम से सीमा विवाद के ”केवल (और) जटिल होने” की बात कहकर क्षेत्र पर फिर से अपना दावा जताया।
जायसवाल ने कहा कि ऐसी यात्राओं पर चीन की आपत्ति इस वास्तविकता को नहीं बदल पाएगी कि अरुणाचल प्रदेश ”भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।”
उन्होंने कहा, ”भारतीय नेता भारत के अन्य राज्यों की तरह ही समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं। ऐसे दौरों या भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर आपत्ति जताना उचित नहीं है।”
जयसवाल ने कहा, ”साथ ही, इससे यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।”
उन्होंने कहा, ”चीनी पक्ष को कई बार इस अडिग रुख से अवगत कराया गया है।”
जायसवाल ने मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन की आपत्ति से जुड़े मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह कहा।
चीन, अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है। वह भारतीय नेताओं के राज्य का दौरा करने पर नियमित रूप से आपत्ति जताता रहा है। चीन ने इस इलाके का नाम जैंगनान रखा है।