नई दिल्ली। भारत सरकार ने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में 23 मार्च को आयोजित पाकिस्तान दिवस में अपने किसी अधिकृत प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला किया है। यह लाल रेखा इस लिए खींची गई है कि दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग एक दिन पहले स्वागत समारोह की मेजबानी कर रहा है और इसमें सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को हुर्रियत प्रतिनिधियों को पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के स्वागत के लिए आमंत्रित किया गया है। इसलिए सरकार किसी भी आधिकारिक प्रतिनिधि को इस कार्यक्रम में नहीं भेजेगी। पाकिस्तान दिवस पाकिस्तान में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय दिवस है। इसे लाहौर संकल्प और पाकिस्तान के पहले संविधान के पारित होने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 23 मार्च को मनाया जाता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से आए दिन सीमा पर युद्ध विराम का उल्लंघन किया जा रहा है और भारतीय सेना उसका जवाब दे रही है। ऐसे में एक नई लाल रेखा खींचते हुए भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान उच्चायोग के राष्ट्रीय दिवस के स्वागत के लिए कोई भी आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं भेजने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि पिछले पांच वर्षों में जबकि एनडीए सरकार ने हुर्रियत नेतृत्व के साथ उलझाने वाले पाकिस्तानी उच्चायोग पर आपत्ति जताई थी, उसने राष्ट्रीय दिवस के स्वागत का बहिष्कार नहीं किया था, हालांकि हुर्रियत नेताओं को हमेशा आमंत्रित किया गया था। लेकिन पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के मद्देनजर, दिल्ली ने शुक्रवार को अपना रुख सख्त कर लिया है।