नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट पूर्व चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर भारत को वैश्विक शक्ति बनना है तो वो सांप्रदायिक नहीं रह सकता। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और विश्व शक्ति बनना चाहता है। इसलिए आज जो देश में हो रहा है वो देशहित में नहीं है, खासतौर पर अगर हम सांप्रदायिक मानसिकता रखते हैं तब।
पूर्व सीजेआई खेहर ने अपने संबोधन के दौरान अयोध्या विवाद मामले के भी शांतिपूर्ण समाधान की बात कही। उन्होंने कहा कि आप जंग से मसले हल नहीं कर सकते, इसके लिए आपको शांति और बातचीत का रास्ता अपनाना होगा। यह चीज यूरोप व दुनिया के दूसरे देशों की बजाय भारता में ज्यादा संभव है। इसलिए जब में चीफ जस्टिस था तो मैंने अयोध्या मामले में मध्यास्थता करने के लिए तैयरा था।
खेहर ने आगे कहा कि आजादी के बाद भारत ने धर्मनिरपेक्षता का रास्ता चुना, जबकि पाकिस्तान इस्लामिक देश बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि अब हम पूर्ण धर्मनिरपेक्षता को भूल गए है।
लाल बहादुर शास्त्री व्याख्यान देते हुए जस्टिस खेहर ने कहा, “देश की आजादी के बाद सबसे बड़ी हिंसा हुई। ऐसी क्रूरता सामने आयी जिसे पीढ़ियां नहीं भूल सकतीं, लेकिन भारत में कुछ अनोखा हुआ। पाकिस्तान इस्लामिक राज्य बना लेकिन भारत ने धर्मनिरपेक्ष रहना पसंद किया।”
उन्होंने कहा कि भारत के नेताओं ने देश में पूर्ण धर्मनिरपेक्षता का मार्ग चुना, लेकिन हम अब ‘जैसे को तैसे’ पर उतर आए है।