नई दिल्ली। आम लोगों की कुल संपदा के मामले में भारत दुनिया भर में छठा सबसे अमीर देश बन गया है। भारत के मुकाबले करीब आठ गुना ज्यादा संपत्ति के साथ इस सूची में अमेरिका पहले पायदान पर है। अमेरिकी संस्था न्यू वर्ल्ड वेल्थ की एक हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए अच्छी बात यह है कि पिछले वर्ष यह दुनियाभर में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला वेल्थ मार्केट रहा। इस दौरान उसकी निजी संपत्ति बीते साल के मुकाबले 25 फीसदी बढ़ गई।
वर्ष 2016 में कुल संपत्ति 6,584 अरब डॉलर थी। इस मोर्चे पर भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया, जिसकी निजी संपत्ति में बीते साल 22 फीसदी का इजाफा हुआ।
रिपोर्ट में किसी भी देश में रह रहे सभी लोगों की कुल संपत्ति को सूची का आधार बनाया गया है, जिसमें उनकी चल-अचल संपत्ति, नकदी, इक्विटी, कारोबार और देनदारियों को शामिल किया गया है। संबंधित देश की सार्वजनिक संपत्ति को इससे बाहर रखा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 में अमेरिका की कुल निजी संपत्ति 64,584 अरब डॉलर (करीब 4133 लाख करोड़ रुपए) थी जबकि भारत की निजी संपत्ति 8,230 अरब डॉलर (526 लाख करोड़ रुपए) आंकी गई।
रिपोर्ट का एक दिलचस्प पहलू यह है कि दूसरे स्थान पर रहे चीन की कुल संपत्ति 24,803 अरब डॉलर (1587 लाख करोड़ रुपए) है जो अमेरिका की कुल संपत्ति के करीब एक-तिहाई हिस्से से थोड़ा ही ज्यादा है। इसके बावजूद चीन की संपत्ति भारत के मुकाबले करीब तीन गुना है।
इस सूची में अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, भारत, फ्रांस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया व इटली को क्रम से शीर्ष 10 सबसे धनवान देशों में जगह मिली है।
संस्था ने पिछले एक दशक के दौरान भारत की निजी संपत्ति में हुई बढ़ोतरी की जमकर तारीफ की है। संस्था ने कहा है कि वर्ष 2007-2017 के दौरान कुल निजी संपत्ति 160 फीसदी बढ़कर 8,230 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
वर्ष 2007 में उसकी संपत्ति 3,165 अरब डॉलर थी। दूसरी तरफ, पिछले वर्ष के आखिर में भारत में अति अमीर व्यक्तियों (एचएनआई) की संख्या 3,30,400 हो गई। एचएनआई में कम से कम 10 लाख डॉलर शुद्ध संपत्तियों (करीब 6.5 करोड़ रुपए) वाले धनकुबेरों को शामिल किया जाता है।