क्वालालम्पुर। भारत औऱ मलेशिया की थल सेनाओं ने सोमवार से क्वालालम्पुर में ‘हरिमऊ शक्ति’ का साझा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। भारत और मलेशिया की सेनाओं के बीच पहली बार यह संयुक्त युद्धाभ्यास किया जा रहा है। मलेशियाई थलसेना की रायल रेंजर रेजीमेंट के कमांडिग अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल इरवान इब्राहीम ने भारतीय सैन्य दल का स्वागत किया। भारतीय सेना के दल (4 ग्रेनेडियर) को संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने के लिए हरिमा शकी 2018, मलेशिया के भारतीय उच्चायुक्त श्री मृदुल कुमार ने वार्डबर्न आर्मी शिविर का दौरा किया।
बातचीत में ब्रिगेडियर जनरल मलिक, कमांडर 12 ब्रिगेड और रक्षा सलाहकार कर्नल अनिरुद्ध चौहान ने भी भाग लिया जहां पर भारतीय उच्चायुक्त श्री मृदुल कुमार ने उन पुरुषों और महिलाओं के लिए अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त की जो किसी भी देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने भारत के विस्तारित पड़ोस में मलेशिया के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मलेशियाई बहु जातीय और बहु धार्मिक संस्कृति और सद्भाव, जो समाज के भीतर प्रचलित है के बारे में उल्लेख किया। अंत में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लेने और इस प्रतिष्ठित संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का हिस्सा होने के लिए 4 ग्रेनेडियर के दल का पूरक किया। उन्होंने दोनों टीमों को बड़ी सफलता की कामना की।
यह अभ्यास दो हफ्ते तक चलेगा। रणनीतिक तौर पर भारत और मलेशिया के रिश्तों को इस युद्धाभ्यास से काफी फायदा होगा। दोनों देशों की सेनाएं अपने रणनीति कौशल को आतंकवाद और विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई के लिए और भी धारधार बनाएंगी। मलयेशियाई सेना को भारतीय सैन्य टुकड़ी द्वारा रेजीमेंटल फ्लैग सौंपने के साथ ही युद्धाभ्यास के पहले चरण की शुरूआत हुई। अभ्यास के पहले दिन मलेशियाई देश के संक्षिप्त, अभ्यास सेटिंग्स और सुरक्षा पहलुओं पर संयुक्त दल को ब्रीफिंग भी देखी गई