नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने पिछले कुछ सप्ताह में लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य एवं उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर हमलों की बढती घटनाओं को देखते हुए अरब सागर में निगरानी और चौकसी बढा दी है।
भारतीय समुद्री तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर डकैती और पोरबंदर से लगभग 220 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हाल ही में हुआ ड्रोन हमला भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र के करीब समुद्र में सुरक्षा घटनाओं के परिदृश्य में बदलाव का प्रमाण है।
नौसेना ने इन घटनाओं के जवाब में मध्य एवं उत्तरी अरब सागर में समुद्री निगरानी के प्रयासों में काफी वृद्धि की है और नौसैनिकों की तैनाती की संख्या में भी वृद्धि की है। समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारिक जहाजों को सहायता प्रदान करने के लिए विध्वंसक और फ्रिगेट वाले कार्य समूहों को तैनात किया गया है।
संपूर्ण समुद्री डोमेन जागरूकता के लिए लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों और हवाई निगरानी को बढ़ाया गया है। विशेष आर्थिक क्षेत्र की प्रभावी निगरानी के लिए नौसेना तटरक्षक बल के साथ भी समन्वय को और बढा रही है। राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के समन्वय से नौसेना द्वारा समग्र स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। नौसेना क्षेत्र में व्यापारिक जहाजरानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि समुद्री क्षेत्र में बढ रही हलचल के मद्देनजर भारत समुद्र में हितों की रक्षा के लिए प्रयासों को बढाएयेगा तथा हाल के हमलों में शामिल लोगों का पता लगाया जाएगा।