कोलकाता। भाजपा ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के
दो मंत्रियों पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से उनके चुनाव लड़ने पर रोक
लगाने का अनुरोध किया है।
पत्र में कहा गया है कि राज्य में 27 फरवरी को आचार संहिता लागू होने के बाद अलग अलग मौकों पर इन
मंत्रियों ने मतदाताओं से लुभावने वादे किये।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस बात से इनकार किया है कि उसके नेताओं ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन
किया और भाजपा पर ईसीआई को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लगाया।
पत्र में कहा गया है कि कथित वीडियो क्लिप में मंत्री फिरहाद हाकिम ‘‘एक मस्जिद में अल्पसंख्यक समुदाय
के लोगों के लिए घोषणाएं करते और भाजपा को सांप्रदायिक बताते हुए वहां मौजूद लोगों से भगवा पार्टी को
हराने की अपील करते’’ दिख रहे हैं।
पत्र के अनुसार, ‘‘घटना 27 फरवरी की है, तब तक चुनाव आचार संहिता की घोषणा हो गयी थी और राष्ट्रीय
टीवी चैनल पर इसका प्रसारण हो चुका था। आप देख सकते हैं कि वीडियो क्लिप में फिरहाद हाकिम ने भी यह
माना है कि आचार संहिता लागू हो चुकी है।’’
भगवा पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘वीडियो क्लिपिंग और अखबारों में प्रकाशित खबरों से यह साबित
होता है और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 27 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य मंत्री जो हावड़ा से
स्थानीय विधायक हैं, उनकी सीधी निगरानी में एक सहकारी बैंक से लोगों के बीच धन वितरित किया गया।’’
भाजपा के राज्य सभा से सदस्य स्वप्न दासगुप्ता और वरिष्ठ नेता प्रताप बनर्जी तथा शिशिर बजोरिया ने यह
पत्र लिखा है।
भाजपा ने चुनाव आयोग से गुहार लगाई कि तृणमूल के नेताओं को मतदाताओं के बीच धन बांटने से तत्काल
प्रभाव से रोका जाए।
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा दोनों मंत्रियों के खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव आयोग को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे
हैं क्योंकि वे जानते हैं कि राज्य में उनका कोई जनाधार नहीं है।