नई दिल्ली। ब्लू व्हेल गेम पर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा है कि यह एक राष्ट्रीय समस्या है और इसे लेकर कदम उठाए जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि दूरदर्शन और अन्य प्रायवेट चैनल्स से कहा कि वो इस तरह के गेम्स को लेकर जागरूकता कार्यक्रम बनाएं और प्राइम टाइम में दिखाए।
वहीं केंद्र ने अदालत के सामने कहा कि उसने इसे लेकर एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई है जो इस मामले को देखेगी और तीन हफ्तों में रिपोर्ट सौंपेगी।
खबरों के अनुसार शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस कार्यक्रम के निर्माण में केंद्र के गृह मंत्रालय, महिला विकास मंत्रालय, इंफार्मेशन एडं ब्राडकास्ट मंत्रालय और मानव विकास संसाधन मंत्रालय से सहयोग लेने की बात कही है।
कोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम को प्राइम टाइम पर उचित समय पर प्रसारित किया जाएं। कोर्ट ने सभी प्राइवेट चैनलों को भी दूरदर्शन के इस कार्यक्रम को प्रसारित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि हम नही जानते सरकार क्या और कैसे करेगी पर यह ख़तरनाक खेल रुकना चाहिए।
मामले पर टिप्पणी करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की ओर से कहा गया कि ज्यादातर मौकों पर देखा गया है कि घर पर अकेले रहने वाले बच्चे ऑनलाइन ब्लूव्हेल खेल का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। उन्होंने ब्लूव्हेल खेल के दृश्य माता-पिता को विचलित करने वाले बताएं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पूरे मामले को देखने के लीए एक एक्सपर्ट कमिटी के गठन करने को कहा है। ये एक्सपर्ट कमिटी अपनी रिपोर्ट तीन हफ्ते में देगीजो 3 हफ्तों मे रिपोर्ट देगी, जिससे बच्चों को इस खतरनाक खेल में फंसने में रोकने में मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय पहले ही तमिलनाडु के 73 वर्षीय व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस याचिका में ब्लू व्हेल चैलेन्ज गेम पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है, जिसे दुनिया भर में कई बच्चों की कथित मौत से जोड़ा जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी गत 22 अगस्त को ऐसी ही एक याचिका पर फेसबुक, गूगल और याहू से जवाब मांगा था।