चेन्नई। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी और निजी बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या के लिए कांग्रेस नीत संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सीतारमण ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी की ओर इशारा करते हुये कहा कि बिना जांच पड़ताल के कर्ज दिये गये जिसके परिणाम स्वरूप कर्ज लेने वालों ने समय पर भुगतान नहीं किया और देश छोड़कर भाग गये। बैंकों के पास अब ऋण देने के लिए पैसे नहीं हैं। सीतारमण कॉरपोरेट मामले और वित्त राज्यमंत्री रह चुकी हैं। इसके अलावा वह वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
उन्होंने यहां भाजपा के व्यापार प्रकोष्ठ की एक बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि पिछली सरकार में एक फोन कॉल पर बैंकों द्वारा बड़े-बड़े कर्ज दिए गए। उन्होंने दावा किया कि तबसे लेकर आज तक यह कर्ज लौटाया नहीं गया। बैंकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा और उनके पास नए कारोबारों को कर्ज देने के लिए पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कारण सार्वजनिक और निजी बैंकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नीति के तहत बैंकों को ऋण देने की अनुमति है, लेकिन बैंक कर्ज देने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है। ऐसा क्यों हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी आंकलन और जांच परख के “परिचितों” को ऋण बांटे गए। यह “साठगांठ वाला पूंजीवाद” है, जिसे पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल में अंजाम दिया गया।