नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से चीन के एक स्पेस स्टेशन की खबर लगातार आ रही है, जिसको लेकर आशंका जताई जा रही है कि वह बेकाबू हो गया है और किसी भी पल धरती पर गिर सकता है।
कुछ ऐसा ही घटनाक्रम 38 साल पहले भारत में हुआ था। तब लोग मान बैठे थे कि अमेरिकी अंतरिक्ष यान स्काईलैब के कारण उनकी जान जाने ही वाली है। यहां हम बताएंगे उस घटनाक्रम से जुड़ी रोचक जानकारी –
– यह किस्सा कुछ यूं है कि अमेरिका ने 1973 में ‘स्काईलैब’ नामक स्पेस स्टेशन को अंतरिक्ष में भेजा। यह करीब नौ मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा और 78 टन वजनी भारी-भरकम ढांचा था। इसने अंतरिक्ष में चार साल तक ठीक तरह से काम किया और धरती पर बैठे वैज्ञानिक उसे नियंत्रित करते रहे। लेकिन 1977-78 के दौरान सौर तूफान में निकली सूर्य की अत्यधिक गरम लपटों से इसे बहुत नुकसान पहुंचा।
– तभी स्काईलैब के सोलर पैनल खराब हो गए और सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया। इस कारण वैज्ञानिकों ने इस पर से नियंत्रण खो दिया। अब यह स्पेस स्टेशन नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में घूमता 78 टन वजनी खतरनाक ढांचा बन गया था। यह अपनी निर्धारित कक्षा से भटका और धरती की तरफ बढ़ने लगा। इसे संभालने में नाकाम वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि यह जुलाई 1979 में कभी भी धरती पर गिर सकता है।
– आशंका जताई गई कि यह अमेरिका या भारत में से किसी एक देश में गिरेगा। इस सूचना से भारतीयों में जबरदस्त दहशत फैल गई। लोगों ने मान लिया कि अब उनके जीवन के कुछ ही दिन बचे हैं। कई ने तो जमीन-जायदाद बेची और बेतहाशा खर्च कर जिंदगी के मजे लूटने लगे।
-आखिरकार 12 जुलाई 1979 को स्काईलैब के धरती से टकराने की तारीख आ गई। उस दिन पूरे भारत में हाई अलर्ट जारी किया गया। लोग डरे-सहमे घरों में दुबके रहे या आसमान ताकते रहे।
– स्काईलैब धरती पर आ गिरा। मगर राहत की बात रही कि यह भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हिंद महासागर में गिरा और कोई नुकसान नहीं हुआ।