रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गांधीवादी नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी केयूर भूषण का निधन हो गया। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व लोकसभा सांसद और साहित्यकार केयूर भूषण का 90 वर्ष की आयु में यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। भूषण के निधन पर राज्यपाल बलरामजी दास टंडन और मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दुख व्यक्त किया है।
राज्यपाल टंडन ने अपने शोक संदेश में कहा कि भूषण ने देश के आजादी के आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। वह गांधीवादी चिंतक थे। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि भूषण के निधन से न सिर्फ छत्तीसगढ़ प्रदेश ने, बल्कि पूरे देश ने सच्चाई और सादगी पर आधारित गांधीवादी दर्शन और विनोबा जी की सर्वोदय विचारधारा के एक महान चिंतक को हमेशा के लिए खो दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भूषण ने छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय चेतना का प्रकाश फैलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह छत्तीसगढ़ी और हिन्दी भाषा के वरिष्ठ कवि, लेखक और उपन्यासकार भी थे। उन्होंने अपने लेखन में हमेशा छत्तीसगढ़ के गांव, गरीब और किसानों की संवेदनाओं को अभिव्यक्ति दी। उनके निधन से छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक जीवन और साहित्य जगत को भी अपूरणीय क्षति पहुंची है।
भूषण का जन्म एक मार्च 1928 को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के जांता गांव में हुआ था। उनके पिता मथुरा प्रसाद मिश्र समाज सेवक थे। केयूर भूषण की प्राथमिक शिक्षा दाढ़ी गांव के स्कूल में हुई तथा आगे की पढ़ाई के लिए वह रायपुर आए। यहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1942 के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और गिरफ्तार हुए। उस समय वह रायपुर केन्द्रीय जेल में सबसे कम उम्र के राजनीतिक बंदी थे।
भूषण ने वर्ष 1980 से 1990 तक सांसद के रूप में लोकसभा में रायपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2001 में राज्योत्सव के अवसर पर उन्हें पंडित रविशंकर शुक्ल सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया था।