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नयी दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर खुशी जताई और कहा कि प्रधानमंत्री को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि ‘न खरीदूंगा और न खरीदने दूंगा।’’ पार्टी ने इस बात को खारिज कर दिया कि विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष केजी बोपैया को हटाने की उसकी मांग को न्यायालय द्वारा खारिज करना उसके लिए बड़ा झटका है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी पार्टी विश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया में पारदर्शिता चाहती थी और यह लाइव प्रसारण से सुनिश्चित हो जाएगा। सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बोपैया के पहले के रिकॉर्ड को देखते हुए हम नहीं चाहते थे कि वह अस्थायी अध्यक्ष हों। लेकिन न्यायालय ने कहा कि अगर आप विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष को बदलना चाहते हैं तो इस बारे में फैसला करने से पहले दूसरे पक्ष को नोटिस देना होगा और उनको भी सुनना होगा। ऐसे में सुनवाई स्थगित करनी होगी। इसके बाद किसी व्यावहारिक समाधान के बारे में सोचा गया और फिर सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण का आदेश हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि सारी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से होगी। जो जीतेगा वही सिकंदर है।’’