गुरुग्राम-हरियाणा।सीबीआई ने प्रद्युम्न हत्याकांड की जांच को पलटकर आरुषि हत्याकांड की यादें ताजा कर दीं। आरुषि हत्याकांड में भी सीबीआई ने नोएडा पुलिस की थ्योरी को पूरी तरह नकार दिया था। यह भी आशंका है कि आरुषि हत्याकांड की तरह ही प्रद्युम्न हत्याकांड के अभियुक्त के ऊपर आरोप साबित करना संभव नहीं होगा, क्योंकि अभियुक्त को हत्या करते किसी ने नहीं देखा। सिर्फ परिस्थिति के आधार पर पहले बस हेल्पर को गुरुग्राम पुलिस ने अभियुक्त बनाया था, अब सीबीआई ने एक छात्र को आरोपी बनाया है।
हत्या करते किसने देखा?
प्रद्युम्न के मामले में सीबीआई के मुताबिक 100 से अधिक विद्यार्थियों, शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। कई स्तर पर फॉरेंसिक जांच की गई है। इसके अलावा भी कई स्तर पर जांच की गई है। मगर अंत में यही सवाल फिर सामने आता है कि हत्या करते देखा किसने?बाथरूम की तरफ आता दिखाजिस छात्र को अभियुक्त बनाया गया है, उसी ने पहले माली व एक टीचर को हत्या की सूचना दी थी।
हत्या से ठीक पहले हेल्पर अशोक बाथरूम में गया था। इस आधार पर गुरुग्राम पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने उसे अभियुक्त मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन किसी ने प्रद्युम्न के पीछे-पीछे न तो अशोक को जाते देखा और न ही उसकी हत्या करते देखा।
इसी तरह जिस छात्र को सीबीआई ने अभियुक्त बनाया है उसे भी किसी ने हत्या करते नहीं देखा है। वह सीसीटीवी फुटेज में बाथरूम की तरफ आता दिखाई दिया है।
आरुषि केस जैसे हश्र की आशंका
सीबीआई का तर्क है कि पैरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) एवं परीक्षा को टालने के लिए छात्र ने हत्या की। कानून के जानकारों का मानना है कि केवल परिस्थिति के आधार पर किसी को अभियुक्त साबित करना आसान नहीं।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरकेश शर्मा कहते हैं कि आरुषि हत्याकांड जैसा ही प्रद्युम्न हत्याकांड का हश्र होने की आशंका है। केवल परिस्थिति के आधार पर कैसे कहा जा सकता है कि छात्र ने ही हत्या की है। भले ही छात्र ने हत्या की हो लेकिन उसके खिलाफ साक्ष्य केवल परिस्थिति है न कि कुछ और।
सीसीटीवी कैमरे न होने से मामला हुआ पेचीदा
प्रद्युम्न हत्याकांड के दिन को छात्र सुरक्षा दिवस के रूप में मनाने की मांग उठाने वाले अधिवक्ता गोविंद नारायण कहते हैं कि सारा मामला सीसीटीवी कैमरे के न होने से पेचीदा हुआ है। बाथरूम के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो साफ हो जाता कि हत्या किसने की? स्कूल में कैमरे जहां लगे हुए थे उसके आधार पर केवल संदेह जताया जा सकता है कि अमूक अभियुक्त हो सकता है। यदि बाथरूम के आसपास कैमरे लगे होते तो प्रद्युम्न के साथ या उससे पहले अंदर कौन गया था, यह साफ हो जाता।
हर स्तर पर जांच के बाद ही दबोचा
सीबीआई ने हर स्तर पर जांच करने के बाद ही छात्र को गिरफ्तार किया है। टीम ने दिन-रात एक करके जांच की है। जिस किसी से पूछताछ करने की आवश्यकता थी, की गई है। कई बार वैज्ञानिक तरीके से घटनास्थल की जांच की गई। मामले में अभियुक्त के बचने का कोई सवाल ही नहीं। सीबीआई की जांच से प्रद्युम्न को न्याय मिलेगा।-आरके गौड़, प्रवक्ता, सीबीआई
हरियाणा पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं : खट्टर
हरियाणा पुलिस की थ्योरी खारिज होने से किरकिरी होने पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पुलिस का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है। अधूरी जांच के बीच ही सीबीआई जांच की मांग उठी थी, इसलिए उसे सौंप दी। डीजीपी बीएस संधु ने किसी दबाव में जल्दी जांच पूरी करने के आरोप को गलत बताया। उन्होंने पुलिस के फेल होने की बात भी खारिज कर दी।