नई दिल्ली। जौहरीपुर स्थित विश्वकर्मा मंदिर में स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की याद में ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की ओर से सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भजन और कीर्तन भी प्रस्तुत किया गया। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष दीपेश कुमार शर्मा और संचालन सुनील कुमार जांगिड़ द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा कुल के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक हैं। वह निर्भीक स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक व सामाजिक समरसता वाले विलक्षण प्रतिभा केधनी व्यक्ति थे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री तथा राष्ट्रपति के पद तक पहुंच कर देश मेहनतकश कामगारों शिल्पकारों तथा दस्तकारों के स्वाभिमान और सम्मान को चार चांद लगाया। उन्होंने जन विरोधी डाक विधेयक का विरोध किया और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान और पेंशन के लिए ऐतिहासिक काम किया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
इस मौके पर महासभा ने सरकार से मांग की है कि ज्ञानी जैल सिंह के नाम पर शिल्पकारों और दस्तकारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा की जाए और संसद भवन के समीप उनकी स्मृति में संग्रहालय स्थापित कर उनकी प्रतिमा लगवाई जाए। फरीदकोट जेल जहां ज्ञानी लंबे समय तक बंदी रहे, वहां उनके दैनिक उपयोग से जुड़ी कई चीजें हैं, उन्हें संरक्षित करने के साथ ही इस जेल को राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए। इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि रामगढि़या बोर्ड चेयरमैन जितेंद्र पाल सिंह, रविकांत शर्मा, लाल विश्वकर्मा, श्रीकांत विश्वकर्मा, डॉ. प्रमोद विश्वकर्मा, सहित नरेश पांचाल उपस्थित रहे।