चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को बिना किसी बातचीत के दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की और पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को पंजाब में ऐसी कोई हरकत न करने की चेतावनी दी। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश आतंकवादियों के हमले के खिलाफ राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति से बात करने का समय खत्म हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से पड़ोसी देश से बदला लेने की मांग की, जो जम्मू एवं कश्मीर के साथ-साथ पंजाब में भी आतंकवाद फैलाने का पुरजोर समर्थन करता है। 60 के दशक में सेना में रह चुके अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा में अपने संबोधन में कहा, `भारतीय सैनिक प्रतिदिन सीमापार के हमारे दुश्मनों के हाथों मारे जा रहे हैं।`
उन्होंने कहा कि चीजें हाथ से निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब भी 80 और 90 के दशक में आतंकवाद से त्रस्त रहा था और उसने सशक्त पुलिस बल के साथ इसका सामना किया और तब से इसमें बहुत बदलाव आ गया है और अब यह किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कश्मीर और पंजाब में अलगाववादियों से संबंधित नीतियां बनाना जारी रखने के खिलाफ चेतावनी देते हुए अमरिंदर ने कहा, `हमारे पास 81 हजार प्रशिक्षित सैनिकों का बल है, जो पूरी तरह से हथियारों से लैस हैं।`
अमरिंदर ने कहा, `अगर बाजवा और आईएसआई (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) ने अब पंजाब में कुछ करने की कोशिश की तो उन्हें उतना ही करारा जवाब मिलेगा। पंजाब पुलिस अब पहले से बड़ी और ज्यादा हथियारों से लैस है।` मुख्यमंत्री ने इमरान खान पर भारत और आतंकवाद के खिलाफ दोहरी नीति अपनाने, भारत विरोधी शक्तियों को उकसाने, वहीं दूसरी तरफ गुरु नानक देव के नाम पर विश्वविद्यालय खोलने की बात करने का आरोप लगाया।अमरिंदर ने कहा, `उन्हें आईएसआई ने प्रधानमंत्री बनाया और उन्होंने पूरी तरह उसकी सेवा की है।`