नई दिल्ली। 2006 से शुरू हुआ ”जयपुर लिटरेरी फेस्टिवल” 13 पायदान चढ़कर अब 2019 पर पहुंच गया है। इस वर्ष या समारोह 24 जनवरी 2019 से 28 जनवरी 2019 तक चलेगा। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह जयपुर के दिग्गी पैलेस में होगा। उसमें विश्वभर के लगभग 300 प्रसिद्ध लेखक, कलाकार, खोजी पत्रकार, पुस्तक प्रकाशक, वैज्ञानिक, विचारक, इतिहासकार व अन्य तमाम विधाओं के ज्ञाता, प्रस्तोता, विशेषज्ञ पधारेंगे। इस बार के ”जयपुर साहित्य महोत्सव” का मुख्य आकर्षण नोबेल पुरस्कार विजेता वेंकटरमन रामकृष्णन उर्फ वेंकी होंगे। उनके संबोधन से इसकी शुरूआत होगी। 67 वर्षीय वेंकटरमन रामकृष्णन तमिलनाडु के चिदम्बरम में पैदा हुए। बड़ौदा (वडोदरा) यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की और उसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करने अमेरिका चले गए। वहीं से पीएचडी किए। इस समय वह इंग्लैंड में रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष हैं। उनको 2009 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला था। जयपुर में वह ”आज के विश्व में विज्ञान का महत्व” विषय पर भाषण देंगे। वेंकटरमन भारत में विज्ञान में पुराने उत्कर्ष के लगातार क्षरण से व्यथित हैं। इसके लिए क्या किया जा सकता है, कैसे फिर से पहले की तरह भारत में विश्व स्तर के बहुत से वैज्ञानिकों को तैयार किया जा सकता है, इसको लेकर वह भारत भ्रमण करेंगे। इसके लिए वह चेन्नई, बेंगलुरू, जयपुर व कोलकाता जाएंगे और विज्ञान के उत्थान व महत्व पर भाषण देंगे। वैज्ञानिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों में युवा वैज्ञानिकों को संबोधित करेंगे। उनका कहना है कि आप ब्रिटिश राज के समय को देखें तो उस समय भारत में जगदीश चंद्र बोस, मेघनाद साहा ,सीवी रमन, होमी भाभा व अन्य कई बड़े नाम थे। ये केवल साधारण वैज्ञानिक या अध्यापक या प्रोफेसर नहीं थे। ये सभी अपने- अपने क्षेत्र में विश्व स्तर के वैज्ञानिक थे। हमको यह देखना है कि वह लीगेसी इस समय क्यों नहीं है, जबकि अभी तो सुविधाएं बहुत हैं, अवसर बहुत हैं, फिर भी भारत में इसकी कमी क्यों है। अपने इस भारत यात्रा के दौरान वह अपने 93 वर्षीय वैज्ञानिक पिता सीवी रामकृष्णन (जो अभी वेंकटरमन के साथ कैंब्रिज में रहते हैं) के साथ उन स्थानों पर भी जाएंगे जहां व पैदा हुए पढ़े-बढ़े।