ऋषिकेश:आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से, आई.एन.ओ., ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, स्वस्तिक संकल्प व सूर्या फाउंडेशन द्वारा रोग मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन जागृति विहार, हरिपुर कला स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में किया गया।
शिविर को सफल बनाते हुए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून की डीन डॉ सरस्वती काला, डॉ मनोज रतूड़ी असिस्टेंट प्रोफेसर जी हिमगिरी विश्वविद्यालय, प्रीति रतूड़ी एच.ओ.डी. एजुकेशन, मिथुन कुमार एच.ओ.डी. नेचुरोपैथी आरोग्यं, पारुल चैहान वरिष्ठ थैरेपिस्ट, नीना तोमर वरिष्ठ थैरेपिस्ट की टीम द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में चिकित्सकीय परामर्श व चिकित्सा प्रदान की गई।
शिविर के आरंभ में प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व बताते हुए चिकित्सकों की टीम द्वारा आहार व्यवहार, इम्यूनिटी बढ़ाने हेतु जीवन शैली से संबंधित दिशा निर्देश व ऋतु परिवर्तन के समय होने वाले वायरल से बचने के विभिन्न उपाय बताए गए साथ ही कलर थेरेपी, एक्यूप्रेशर, मिट्टी चिकित्सा, योग व आयुर्वेद से संबंधित उपचार प्रदान किए गए। उपचार लेने आए व्यक्तियों ने अपने शिविर के व्यक्तिगत अनुभवों के रूप में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को महत्वपूर्ण बताते हुए घर-घर प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार हेतु संकल्प लिया साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ने हेतु औरों को प्रेरित भी किया।
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति इलाज नहीं बल्कि जीवन जिले की कला है जो रोग को जड़ मूल से समाप्त करती है। और कहा शरीर में गंदगी का इकट्ठा ना होने पर बल दिया इसके लिए शारीरिक शोधन अत्यंत आवश्यक है। पसीने के रूप में, पेशाब के रूप में, मल के रूप में, कफ के रूप में, प्राकृतिक चिकित्सा से इन सभी का सरल तरीके से शुद्धि की जाती है जिससे शरीर से मल को निकाला जाता है तथा शरीर आरोग्य को प्राप्त होता है।
शिविर में माइग्रेन, रक्त चाप, अस्थमा शुगर, गठिया, उदर रोग, वात, कफ व पित्त आदि विभिन्न रोगों का उपचार किया गया विशेष बात यह रही कि बिना किसी दवाई के रोगियों का उपचार किया गया एवं कई रोगों में रोगियों को तत्काल राहत भी मिली।
शिविर के आयोजन हेतु ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, स्वास्तिक संकल्प ट्रस्ट एवं जागेश्वर महादेव मंदिर समिति का विशेष योगदान प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में स्वयंसेवी के रूप में विशाल भट्ट, चेतन चैबे,सैमुएल हर्बर्ट,अंकित बिजलवान, अमित भट्ट, गोकुल डबराल, हरिओम कुशवाहा, मोहित लखेरा ,सुनील जुगलान, सुंदर लाल गौड़ ,मितिका शर्मा,जय श्री काला, अर्चना नौटियाल, अनमोल बंदोंलिया आदि की सक्रिय उपस्थिति रही।