नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘नये भारत’ के साथ देश में परिवर्तन की एक बयार चल रही है, जिसमें कोविड-19 के टीके के अविष्कार से लेकर चांद के दक्षिणी ध्रुव के निकट उतरने जैसी उपल्बधियां शामिल हैं।
विदेश मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान रिकॉर्ड वीडियो संदेश में कहा कि पिछले वर्ष भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान संरचनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था, जो मौजूदा वक्त में ‘ग्लोबल साउथ’ की कठिन परिस्थितियों का केंद्र है।
जयशंकर ने कहा, ”ग्लोबल साउथ काफी हद तक उत्पादक के बजाय उपभोक्ता बनकर रह गया है। इस स्थिति को देखते हुए भारत ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल शुरू की।” उन्होंने कहा, ”’मेक इन इंडिया’ पहल के तहत हमने न केवल अपनी जरूरतों पर बल्कि दूसरों की जरूरतों पर भी ध्यान केंद्रित किया, जो भारत में व्यापार करने को आसान बनाने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, ”वास्तव में देश में परिवर्तन की बयार चल रही है, जिसमें ‘नया भारत’ अपना 5जी स्टैक बनाता है, स्वदेशी कोविड टीकों का आविष्कार व बड़े पैमाने पर टीकों का उत्पादन करता है और तो और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट उतरता है।” यह कार्यक्रम विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा संयुक्त रूप से ‘बौद्धिक संपदा निर्णय: न्यायिक परिप्रेक्ष्य’ के उद्घाटन सत्र पर आयोजित किया गया था।