कोट्टायम। रोमन कैथोलिक गिरिजाघर में एक बिशप द्वारा नन से कथित तौर पर बलात्कार करने की घटना की जांच कर रही टीम ‘पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद’ ही कार्रवाई करेगी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले में मुख्य साक्ष्य के तौर पर पीड़िता का मोबाइल फोन अभी तक बरामद नहीं हुआ है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच करने वाली टीम तभी अगला कदम उठाती अगर उन्हें मामले में जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलाक्कल के खिलाफ पूरी तरह विश्वसनीय बयान मिले होते।
कोट्टायम के जिला पुलिस प्रमुख हरिशंकर ने कहा कि जांच के लिए टीम अगले हफ्ते जालंधर जाएगी। शंकर ने कहा कि चार वर्ष पहले हुई घटना में पुलिस महज संदेह के आधार पर कार्रवाई नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा, ‘पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही वे कार्रवाई करेंगे… हम अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं (साक्ष्य जुटाने के लिए)।’ शंकर ने कहा कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य का स्रोत नन का मोबाइल फोन अब तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अगर हमें मोबाइल फोन मिल जाता है तो संदेश मिटा दिए जाने के बावजूद हम किसी भी तरह का डेटा हासिल करने में सक्षम होंगे।