धर्मनिरपेक्षता और सौहार्द देशवासियों का है जुनून : नकवी

asiakhabar.com | April 21, 2020 | 4:56 pm IST
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नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता
और सौहार्द भारत और भारतवासियों के लिए राजनीतिक फैशन नहीं बल्कि परफेक्ट पैशन (जुनून-जज़्बा) है और
इसी समावेशी संस्कार और पुख्ता प्रतिबद्धता ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अनेकता में एकता के सूत्र में
बाँध रखा है। श्री नकवी ने मंगलवार को यहाँ पत्रकारों से बातचीत में कहा, “अल्पसंख्यकों सहित देश के सभी
नागरिकों के संवैधानिक, सामाजिक और धार्मिक अधिकार भारत की संवैधानिक एवं नैतिक गारंटी है। किसी भी
हालत में हमारी अनेकता में एकता की ताकत कमजोर नहीं हो सकती। हमें सतर्क और एकजुट हो कर ऐसी ताकतों

के दुष्प्रचार को परास्त करना है।” उन्होंने कहा कि फेक न्यूज़ एवं भड़काऊ बातों और अफवाह फ़ैलाने वाली साजिश
से हम लोगों को होशियार रहना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में सभी नागरिकों की सुरक्षा के
लिए काम हो रहा है। इस तरह की साजिश से कोरोना के खिलाफ देश की सामूहिक जंग को कमजोर नहीं होने देना
है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर धर्म-क्षेत्र-जाति की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठ कर कोरोना
महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के
लिए खासकर मुसलमानों के लिए स्वर्ग है। उनके सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अधिकार देश में पुख्ता और मजबूत
है। अगर कोई पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी प्रकार की बात कर रहा है तो उसे इस देश के जमीनी हकीकत को
देखना चाहिए और उसे स्वीकार करना चाहिए। इस मुल्क में बड़ी तादात में मुस्लिम रहते हैं। उनके पिछले साढ़े
पांच सालों के सरकार के कार्यकालों में आंकलन करके देखेंगे तो पता चलता है कि सरकारी नौकरियों में उनकी
तादात बढी है, शिक्षा के क्षेत्र में उनका सशक्तीकरण उनका बढा है। इसके साथ ही आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा
में आगे बढे हैं। समाज के अन्य तबकों की तरह मुसलमान में तरक्की और प्रगति में भागीदार बने हैं। अगर देश
तरक्की कर रहा है तो मुसलमान भी तरक्की कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब भी देशवासियों की बात करते
हैं तो वह 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों के लिए बात करते हैं और वह हमेशा सभी की खुशहाली और तरक्की की बात
करते हैं और अगर किसी को ये सब नहीं दिखायी पड़ रहा है तो यह देखने वाली की दिक्कत है। श्री नकवी ने कहा
कि देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त
रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही रहकर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक
कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना के कहर के कारण रमजान के पवित्र
महीने में धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी ढंग से पालन
करने एवं लोगों को अपने-अपने घरों पर ही रह कर इबादत आदि के लिए जागरूक करने के लिए देश के 30 से
ज्यादा राज्य वक्फ बोर्डों ने मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, मुस्लिम समाज एवं स्थानीय
प्रशासन के साथ मिल कर काम शुरू कर दिया है। पूरा देश एकजुट हो कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
पिछले सप्ताह श्री नकवी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में तमाम राज्य वक्फ बोर्डों ने
सहमति जताई थी की रमजान के पवित्र महीने के दौरान कोरोना के कहर के चलते लागू लॉकडाउन, सोशल
डिस्टेंसिंग एवं अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे। इसके अलावा वह लगातार देश के विभिन्न मुस्लिम
धर्म गुरुओं, धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क-संवाद कर रहे हैं। गौरतलब है कि देश के विभिन्न
वक्फ बोर्डों के अंतरगर्त 7 लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें, ईदगाह, दरगाह, इमामबाड़े एवं अन्य धार्मिक-
सामाजिक स्थल हैं। श्री नकवी ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमें स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षा
बलों, प्रशासनिक अधिकारियों, सफाई कर्मचारियों से सहयोग करना चाहिए, वे अपनी जान हथेली में लेकर हमारे
स्वास्थ्य-सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। क्वारंटीन, आइसोलेशन सेंटरों को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों को भी
हमें ध्वस्त करना चाहिए, लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए कि ऐसे केंदउ्र लोगों को, उनके परिवार और
समाज को किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के
मद्देनजर देश के सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थलों पर भीड़-भाड़ वाली सभी
धार्मिक-सामाजिक गतिविधियां रुकी हुई हैं। इसी तरह सभी मस्जिदों एवं अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर किसी
भी तरह की भीड़-भाड़ वाली धार्मिक गतिविधि नहीं हो रही है। दुनिया के अधिकांश मुस्लिम राष्ट्रों ने भी रमजान में
मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़-भाड़ वाली गतिविधियों पर रोक लगा रखी है एवं नमाज, इफ्तार एवं

अन्य धार्मिक कर्त्तव्य घरों पर ही रह कर पूरा करने के निर्देश जारी किये हैं। श्री नकवी ने कहा कि लोगों के
सहयोग ने कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को काफी राहत दी है लेकिन चुनौतियाँ अभी कम नहीं है। इन
चुनौतियों पर विजय तभी पाई जा सकती है जब हम केंद्र एवं राज्य सरकारों के सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई एवं
मुस्तैदी से पालन करते रहेंगे।


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