दुबई एयर शो में लड़ाकू विमान तेजस और ध्रुव हेलीकॉप्टर दिखाएंगे भारत की ताकत

asiakhabar.com | November 9, 2023 | 5:57 pm IST

नई दिल्ली। दुबई में 13-17 नवंबर तक होने वाले एयर शो में भारत की वायु सेना अपनी आसमानी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी है। भारतीय टीमें सबसे पहले 13 नवंबर को उद्घाटन समारोह में प्रदर्शन करेंगी और उसके बाद दुनिया की अन्य प्रमुख हवाई प्रदर्शन टीमों के साथ हवाई क्षेत्र साझा करेंगी। इस एयर शो में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव अपना जलवा बिखेरने के लिए तैयार हैं।
विंग कमांडर आशीष मोघे ने बताया कि भारतीय वायु सेना की टुकड़ी 13 से 17 नवंबर तक होने वाले द्विवार्षिक दुबई एयर शो में भाग लेने के लिए दुबई के अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी है। वायु सेना की टुकड़ी में दो स्वदेशी प्लेटफॉर्म लड़ाकू विमान एलसीए तेजस और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर शामिल हैं। एयर शो के दौरान तेजस जमीनी और हवाई प्रदर्शन दोनों का हिस्सा होगा। सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम अपने एयरोबेटिक्स कौशल का प्रदर्शन करेगी। दुबई एयर शो के 2021 संस्करण में भी भाग लेने के बाद तेजस और सारंग प्रदर्शन टीमों के लिए दुबई एयर शो में भीड़ को मंत्रमुग्ध करने का यह लगातार दूसरा अवसर है।
उन्होंने बताया कि वायु योद्धाओं और सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से दुबई पहुंची है। भारत की टीमें सबसे पहले 13 नवंबर को उद्घाटन समारोह में प्रदर्शन करेंगी और उसके बाद दुनिया की अन्य प्रमुख हवाई प्रदर्शन टीमों के साथ हवाई क्षेत्र साझा करेंगी। यह अंतरराष्ट्रीय एयर शो तेजस और ध्रुव जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों की भागीदारी के माध्यम से भारतीय विमानन उद्योग की तीव्र प्रगति को प्रदर्शित करने का भी एक सुनहरा मौका है। एयर शो के दौरान तेजस अपना प्रदर्शन दिखाएगा। सारंग हेलीकॉप्टर अपने बारे में जानकारी प्रस्तुत करेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इसके बारे में जान सकें।
भारत का हल्का लड़ाकू विमान दुनिया के कई देशों की पसंद है। इसकी खूबियों के चलते कई अफ्रीकी और एशियाई देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। इसीलिए इस एयर शो में दुनिया के देशों का भारत के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ और जंग में खास काम आने वाले खतरनाक ‘ध्रुव’ पर खास फोकस रहेगा। तेजस विमान भारत के विमानन इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सबसे बड़ी खासियत है कि ये विमान एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक करते हुए हमला कर सकता है। इसे टेकऑफ के लिए ज्यादा बड़े रनवे की जरूरत नहीं होती। यह समुद्र तल से लेकर हिमालय की ऊंची ऊंचाइयों पर संचालन के लिए एक आदर्श है।


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