नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार औद्योगिक प्रदूषण से निपटने के लिए 20 अक्टूबर से एक महीने तक अभियान चलाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राजधानी में 1,700 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन पर नजर रखने के लिए 66 टीम गठित की गई हैं।
राय ने कहा, ”हालांकि ये इकाइयां प्राकृतिक गैस पर स्थानांतरित हो गई हैं, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी ओर से कोई ढिलाई न बरती जाए।” मंत्री ने मंगलवार को केंद्र से मांग की थी कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जाए।
राय ने केंद्र में अपने समकक्ष भूपेन्द्र यादव को लिखे पत्र में कहा था कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम के दौरान वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ”लेकिन ये कदम तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की ओर से एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्रोतों से निटपने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाये जाते।”
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र पर्यावरण थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दिल्ली में 31 प्रतिशत प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के स्रोतों से होता है, जबकि 69 प्रतिशत एनसीआर राज्यों के स्रोतों से होता है। राय ने मांग रखी कि केंद्र राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए समाधान पर चर्चा के वास्ते एक आपातकालीन बैठक बुलाए। दिल्ली के मंत्री ने कहा कि एनसीआर के राज्यों को पूरे क्षेत्र में पटाखों और पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए और केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देनी चाहिए।