दिल्ली विश्वविद्यालय के मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों पर कार्यशाला आयोजित

asiakhabar.com | May 21, 2023 | 6:30 pm IST

नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति (वीएसी) द्वारा जानकी देवी मेमोरियल महाविद्यालय के सहयोग से शनिवार, 20 मई को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित इस कार्यशाला में तीन मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों “एथिक एंड कल्चर”, “पंचकोश: होलिस्टिक डेवलपमेंट ऑफ पर्सन्लटी” और “भारतीय भक्ति परंपरा और मानव मूल्य” विषयों पर मंथन हुआ।
कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे एनआईडीएम, गृह मंत्रालय (भारत सरकार) के कार्यकारी निर्देशक, आईएएस, राजेंद्र रत्नू ने प्राचीन भारतीय संस्कृति में निहित नैतिक मूल्यों पर बात करते हुए कहा कि आज जिस उपभोगतावादी संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है, उस से सांस्कृतिक मूल्य नष्ट हो रहे हैं। उन्होने कहा कि हमारी संस्कृति में तो पर्यावरण व प्रकृति को भी पूजनीय माना गया है। राजेंद्र रत्नू ने तीनों मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों को मनोविज्ञान, दर्शन और साहित्य से जोड़ते हुए इस कार्यशाला को आज के समय में एक जरूरी कदम बताया।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने भारतीय ज्ञान परंपरा और भक्ति परंपरा में निहित मानव मूल्यों के संदर्भ में कहा कि शिक्षा से आज की महिलाओं में जागृति आई है। यहूदियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अनेकों वर्ष के संघर्ष के बावजूद यहूदियों ने अपनी संस्कृति की स्थापना करने और राष्ट्र के मूलभूत संदेश कभी नही भुलाए। आज भारत को भी यह करना है। आज सनातन परम्परा और राष्ट्र जागृत हो रहा है। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मूल्य को भारत की अनूठी विशेषता बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन प्लानिंग और मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष प्रो. निरंजन कुमार ने प्राचीन भारतीय नैतिक मूल्यों और भारतीय ज्ञान परंपरा का महत्त्व बताते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय जिसने अपने कुलपति प्रो. योगेश सिंह के नेतृत्व में समग्र, सुव्यवस्थित एवं सफल रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों को लागू किया है। संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी लक्ष्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह पश्चिम के भौतिकतावादी दर्शन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भौतिक विकास के साथ-साथ शिक्षा में नैतिकता एवं भारतीय मूल्यों का स्थान होना चाहिए। पश्चिमी आधुनिकता की अंधी दौड में मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम युवाओं को मानवीय और राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़ने की दिशा में एक ठोस कदम है।
प्रो. निरंजन ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति लगातार इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है, जिनका लक्ष्य डीयू के प्राध्यापकों को नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु, मूल्यपरक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित करना है। मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास लिए प्रतिबद्ध है। भारतीयता बोध, आत्मनिर्भरता तथा आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण इसके उद्देश्य हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका और जानकी देवी मेमोरियल महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. स्वाति पाल ने विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए मूल्य संवर्द्धन पाठ्यक्रम को परम आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम के द्वारा पर्यावरण एवं समाज का व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से विकास किया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में प्रो. पायल नागपाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. संध्या गर्ग, प्रो. दिव्या तिवारी और प्रो. ओमनाथ बिमली आदि के साथ भारी संख्या में दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक भी उपस्थित रहें।


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