18 Nov नई दिल्ली। ठंड का मौसम आ चुका है और इसके साथ ही उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ों में मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। इसका असर दिल्ली में भी दिखा है और यहां हल्की बारिश के साथ ठंड़ बढ़ गई है।
बर्फबारी के चलते जहां हिमाचल के डुंडी, लाहुल में चारों तरफ बर्फ की चादर बिछ गई है वहीं उत्तराखंज में बाबा बद्रीनाथ धाम भी बेहद आकर्षक नजर आने लगा है।
जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में बुधवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। तापमान -3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। बर्फबारी के कारण पूरे उत्तर भारत का तापमान प्रभावित होगा और ठंड बढ़ेगी। सोनमर्ग में 3 इंच बर्फबारी हुई। राजौरी में पीर पंजाल के पहाड़ बर्फ से ढक गए।
सड़कों पर लगा जाम
बर्फ अपने साथ आफत भी लेकर आती है। बर्फबारी के कारण रजौरी की सड़कों पर लगा जाम लग गया है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मुगल रोड को बंद करना पड़ा। पहाड़ों में जाम हटाना किसी चुनौती से कम नहीं हैं। ऐसे में जाम में फंसे लोगों का भी बुरा हाल है।
गुलमर्ग में भी हिमपात शुरू
कश्मीर के बाकी इलाकों की तरह गुलमर्ग में भी हिमपात शुरू हो चुका है। जहां लगातार बर्फ गिरने से तापमान गिर रहा है। वहीं मौसम विभाग ने आगे आने वाले दिनों में भी हिमपात का अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में भारी बर्फबारी
वहीं हिमाचल के लाहुल को कुल्लू से जोड़ने वाले 13050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रे सहित लाहुल घाटी ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। बर्फबारी से लाहुल घाटी का जिला कुल्लू से सम्पर्क कट गया है जिससे लोगो की परेशानियां बढ़ गई है। रोहतांग दर्रे सहित शिंकुला, बारालाचा ओर कुंजम जोत में अब तक 1 फुट ताजा हिमपात हो चुका है जबकि कोकसर, दारचा, योचे में आधा फुट, सिसु, गोंधला, मुलिंग, तांदी, गोशाल, शटिंगरी, प्यूकर ओर आसपास के गांव में 2 से 4 इंच तक बर्फबारी हुई है।
उत्तराखंड में भी बर्फबारी
इसके अलावा उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी जमकर बर्फबारी हुई है। इससे बद्रीनाथ के अासपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापक बर्फबारी होने की संभावना
मौसम विभाग ने कश्मीर में 18 नवंबर तक आने वाले दिनों में व्यापक बारिश होने और आने वाले दिनों में राज्य के उच्च क्षेत्रों में बर्फबारी होने का अनुमान लगाया है।
कम होगा दिल्ली का प्रदूषण स्तर
वहीं शनिवार की रात दिल्ली अौर अासपास के क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। इस बारिश और बर्फबारी से दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में धुंध और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।