पटना। कालेधन और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए जिस तरह केंद्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लागू किया। उसी तरह बिहार में भी दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अनूठी पहल की शुरुआत की है और इसको नाम दिया है ‘खोटा सिक्का’।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में दहेज प्रथा से लड़ने के लिए यूनीसेफ की मदद से इस अभियान को शुरू किया है। क्योंकि देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी के बाद बिहार ही ऐसा राज्य है। जहां दहेज के नाम पर सबसे ज्यादा मौत होती हैं।
ऐसे में इस कुरीति को जड़ से खत्म करने के लिए बिहार सरकार ने कमर कस ली है।
इसके लिए सरकार ने बिल्कुल बॉलीवुड फिल्म की तरह वीडियो बनाया है। जिसमें बेटी की शादी के लिए लड़का ढूंढ रहे एक पिता को दिखाया गया है कि कैसे वो लड़के के माता-पिता को दहेज मांगने के नाम पर शादी के लिए टाल देता है और लड़के को खोटा सिक्का कहता है। मगर खुद को खोटा सिक्का कहने पर लड़का नाराज हो जाता है और अपने पिता की देहज की मांग का खुलकर विरोध करता है।
बेटे की इस सोच का बाद में पिता भी सम्मान करते हैं और शादी के नाम पर दहेज लेने से इंकार कर देते हैं।बिहार में शराबबंदी के बाद सीएम नीतीश कुमार राज्य को दहेज मुक्त राज्य बनाने के मिशन में जुट गए हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने किसी भी शादी के लिए न्योता मिलने की सूरत में तभी शामिल होने की बात कही है, जब न्योता देने वाले परिवार दहेज से तौबा करने की शपथ लें।
इस साल गांधी जंयती पर ही सीएम नीतीश कुमार ने दहेज और बाल विवाह के खिलाफ मुहिम की शुरुआत की है। सीएम ने राज्य के लोगों से अपील की है वो ऐसी शादियों में जाने से तौबा करें, जहां दहेज के जरिए शादी फिक्स होती है।
बिहार सरकार की इस मुहिम की जमकर तारीफ हो रही है। क्योंकि इसके जरिए उन्होंने समाज की ऐसी प्रथा पर चोट की है, जो सालों से चली आ रही है। आम जनता भी उनकी इस मिशन के ज्यादा जुड़ती दिख रही है।