दबे पांव आता है हार्ट अटैक, पहचानें इन 5 संकेतों को

asiakhabar.com | October 25, 2017 | 5:25 pm IST

नई दिल्ली। जैसे-जैसे लाइफ स्टाइल बदली है, वैसे-वैसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है। खासतौर पर साइलेंट हार्ट अटैक के मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं। शरीर में ऑक्सीजन युक्त्त ब्लड की कमी के कारण ऐसा होता है।

यहां हम बताएंगे कि दबे पांव यानी साइलेंट हार्ट अटैक आने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है। इन संकेतों को समय रहते पहचान लेंगे, तो बच सकते हैं।

आम तौर पर हार्ट अटैक के संकेत होते हैं – सीने में तेज दर्द, बहुत ज्यादा पसीना निकलाना, जबड़े जाम हो जाना, लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में ऐसा नहीं होता। यही कारण है कि साइलेंट हार्ट अटैक को ज्यादा घातक माना गया है।

इन 5 संकेतों को कभी न करें नजरअंदाज, हो सकता है साइलेंट हार्ट अटैक

1. ज्यादा थकान: यदि आपको जरूरत से ज्यादा थकान महसूस हो रही है तो यह साइलेंट हार्ट अटैक की सबसे बड़ी निशानी है। सीढ़ियां चढ़ते समय, पैदल चलते समय या घर में ही छोटा-मोटा काम करते समय आप जल्दी थक रहे हैं तो सावधान हो जाएं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हार्ट तक ब्लड नहीं पहुंच पाता और पूरा दबाव शरीर की मसल्स पर आ जाता है।

2. हाथ या पीठ में दर्द: हार्ट अटैक में छाती में दर्द होता ही है, लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में संकेत अलग तरह से महसूस किया जाता है। हार्ट के आसपास के अंगों में दर्द होता है। जैसे – हाथ या पीठ। ऐसा होने पर भी तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

3. सांस फूलना: हार्ट ठीक से काम नहीं करेगा और दबाव शरीर के अन्य अंगों पर पड़ेगा तो सांस फूलने लगती है। पुरुषों के साथ ही महिलाओं में भी सांस फूलने की दिक्कत आम होती जा रही है। नियमित रूप से ऐसा हो रहा है तो सावधान होने की जरूरत है।

4. सीने में जलन: साइलेंट हार्ट अटैक का एक और बड़ा संकेत सीने में जलन है। यदि आपको एसिडिटी की समस्या नहीं रहती है, लेकिन फिर भी सीने में जलन हो रही है तो इसे सामान्य स्थिति न मानें। कई मामलों में लोग गैस या एसिडिटी मानकर खुद से इलाज कर लेते हैं तो घातक साबित हो सकता है।

5. गर्दन और गले में असहज महसूस होना: यदि आपको गर्दन और गले में अजीब हलचल महसूस हो रही है जो आपको परेशान कर रही है तो सावधान हो जाएं। यह भी साइलेंट हार्ट अटैक की शुरुआत हो सकती है।

उपरोक्त में से कोई भी संकेत महसूस हो तो डॉक्टर से मिले। जांच करवाएं और डॉक्टर के कहे अनुसार इलाज कराएं। आशंकाएं दूर होने के बाद नियमित रूप से व्यायाम रहें। सेहत सुधारने की दिशा में उठाया गया छोटा कदम भी लंबे समय में बड़ा परिणाम देता है। इसलिए देरी न करें।

साथ ही खाने-पीने में खास ध्यान रखें। खाने में फलों को शामिल करें। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लाखों वयस्कों के आहार संबंधी आदतों को ट्रैक किया और उन्होंने यह खुलासा किया कि रोजाना एक केला या एक सेब खून की धमनियों की जटिलताओं से पैदा होने वाले रोग से मौत का खतरा एक तिहाई हद तक कम कर देता है। हालांकि शोध में कहा गया है कि यह फल ताजा होने चाहिए क्योंकि प्रक्रिया गये फल से अधिकांश चिकित्सा लाभ समाप्त हो जाते हैं।


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