नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सहित तीनों चुनाव आयुक्त के वेतन में बढ़ोतरी की गई है। यानि अब इनका वेतन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर हो गया है। चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों से संबंधित एक कानून के प्रावधानों के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त सहित तीनों चुनाव आयुक्त सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश के वेतन के बराबर वेतन पाने के हकदार हैं।
सरकार ने 25 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़े नए कानून की अधिसूचना जारी कर दी थी। चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों से संबंधित एक कानून के प्रावधानों के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त सहित तीनों चुनाव आयुक्त उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश के वेतन के बराबर वेतन पाने के हकदार होते हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन बढ़ाने के लिए शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पारित विधेयक के बाद तीनों चुनाव आयुक्त का वेतन भी अपने आप बढ़ गया है।
निर्वाचन आयोग (चुनाव आायुक्तों की सेवा शर्तें एवं कामकाज के नियम) कानून 1991 के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त (और अन्य चुनाव आयुक्तों) को उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश के बराबर वेतन मिलेगा। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) कानून से निर्धारित होता है।
अब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश की तरह तीन आयुक्त मौजूदा 90,000 रुपये के वेतन से लगभग दोगुना वेतन 2.50 लाख रुपये मासिक अर्जित करेंगे। वेतन वृद्धि जनवरी 1, 2016 से प्रभाव में आएगी, और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को भी इसका लाभ मिलेगा।